केदारनाथ,यमुनोत्री के कपाट हुए बंद, अब बद्रीनाथ का है नंबर
CharDham Yatra: केदारनाथ-यमुनोत्री धाम के कपाट हुए बंद, अब बद्रीनाथ का है नंबर; जल्दी कर लें दर्शन
CharDham Yatra पंच केदार में प्रथम केदारनाथ धाम के साथ ही यमुनोत्री धाम के कपाट परंपरा के अनुसार भैया दूज पर्व पर शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। वहीं बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद करने के क्रम में चल रही है। बद्रीनाथ धाम के कपाट 18 नवंबर को बंद किए जाने हैं जबकि गंगोत्री धाम के कपाट अन्नकूट पर मंगलवार को बंद किए जा चुके हैं।
पंच केदार में प्रथम केदारनाथ धाम के साथ ही यमुनोत्री धाम के कपाट परंपरा के अनुसार भैया दूज पर्व पर शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। केदारनाथ में 2500 से अधिक श्रद्धालु कपाटबंदी के साक्षी बने। अब अगले छह माह बाबा केदार अपने शीतकालीन प्रवास स्थल ऊखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर और देवी यमुना खरसाली (खुशीमठ) स्थित यमुना मंदिर में भक्तों को दर्शन देंगे।
केदारनाथ धाम के मुख्य पड़ाव गौरीकुंड स्थित मां गौरा माई मंदिर के कपाट भी भैया दूज पर्व पर ही बंद किए गए। वहीं, बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद करने के क्रम में चल रही है। पंच पूजाओं के तहत बुधवार को धाम में स्थित आदि केदारेश्वर मंदिर व आदि शंकराचार्य मंदिर के कपाट बंद किए गए। बद्रीनाथ धाम के कपाट 18 नवंबर को बंद किए जाने हैं, जबकि गंगोत्री धाम के कपाट अन्नकूट पर मंगलवार को बंद किए जा चुके हैं।
ब्रह्म मुहूर्त में बंद हुए केदारनाथ धाम के कपाट
केदारनाथ धाम के कपाट बंद करने की प्रक्रिया ब्रह्म मुहूर्त में शुरू हुई। रावल भीमाशंकर लिंग के सानिध्य में मुख्य पुजारी शिवलिंग ने स्वयंभू शिवलिंग को श्रृंगार मुक्त कर ब्रह्मकमल व कुमजा पुष्प के साथ राख से समाधिस्थ किया। सुबह 6:30 बजे गर्भगृह में समाधि पूजा संपन्न हुई और फिर सभामंडप स्थित छोटे मंदिरों के कपाट बंद किए गए। ठीक 8:30 बजे पहले मंदिर का दक्षिण द्वार और फिर पूरब द्वार बंद किया गया।