कोलकाता मामला: हिमाचल में भी चिकित्सक हड़ताल पर, अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं ठप
कोलकाता मामला: हिमाचल में भी चिकित्सक हड़ताल पर
कोलकाता में महिला डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले को लेकर चिकित्सकों में आक्रोश है। हिमाचल प्रदेश में शनिवार सुबह से सरकारी और निजी अस्पतालों के डॉक्टर 24 घंटे की पेन डाउन स्ट्राइक पर चले गए हैं। हड़ताल से प्रदेश भर में ओपीडी सेवाएं प्रभावित हैं। हालांकि, आपातकालीन सेवाएं जारी हैं। इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आईजीएमसी) शिमला में शनिवार सुबह न तो ओपीडी चलीं और न ही रूटीन के ऑपरेशन हुए। केएनएच, डीडीयू, चमियाना और जिले के अन्य अस्पतालों में भी यह सेवाएं प्रभावित हैं। प्रदेश के अन्य जिलों में भी डॉक्टर हड़ताल पर हैं। आईजीएमसी सेमडिकोट (स्टेट एसोसिएशन ऑफ मेडिकल एंड डेंटल कॉलेज टीचर्स एसासिएशन) के उपाध्यक्ष डॉ. पुनीत महाजन ने कहा कि शनिवार को पूरी तरह काम बंद रखा गया है।कहा कि कोई आपात स्थिति होगी तो उस मामले में चिकित्सक सेवाएं देंगे। इंडियन नेशनल बॉडी की तर्ज पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन शिमला शाखा भी 17 से 18 अगस्त की सुबह 6:00 बजे तक हड़ताल पर रहेगी। शिमला ब्रांच के संयुक्त सचिव डॉ. आरजे महाजन ने इसकी पुष्टि की है। हिमाचल चिकित्सा अधिकारी संघ ने कहा कि पीएचसी से लेकर जिला अस्पतालों में इमरजेंसी सेवाएं ही चलेंगी। आईजीएमसी और केएनएच के 100 से अधिक रेजिडेंट डॉक्टर पहले से हड़ताल पर चल रहे हैं। शनिवार सुबह डॉक्टरों ने गेट मीटिंग के जरिये अपना विरोध जताया। आईजीएमसी के वरिष्ठ डॉक्टर राहुल गुप्ता ने बताया कि डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए सरकार पुख्ता कदम उठाए।
सोलन में चिकित्सक हड़ताल पर, डीसी चौक तक निकाली रैली
महिला डॉक्टर की हत्या व दुष्कर्म मामले में इंसाफ दिलाने के लिए निजी और सरकारी अस्पताल एकजुट हो गए हैं। न्याय की मांग को लेकर सोलन में चिकित्सकों ने शनिवार सुबह 6:00 बजे से हड़ताल शुरू की। यह हड़ताल 24 घंटे की है। इस दौरान जिले अस्पतालों में आने वाले मरीजों को उपचार की सुविधा नहीं मिलेगी। केवल आपात स्थिति में आ रहे लोगों को ही उपचार मिल रहा है। ऐसे में आपातकालीन कक्ष के बाहर काफी लंबी लाइन लग गई। क्षेत्रीय अस्पताल समेत जिले के अन्य सरकारी व निजी अस्पतालों में चिकित्सक हड़ताल पर हैं। यह हड़ताल रविवार सुबह 6:00 बजे समाप्त होगी। शुक्रवार को चिकित्सकों ने नारेबाजी की ओर अस्पताल से डीसी चौक तक रैली निकाली।
डॉक्टरों की हड़ताल से जिला कुल्लू के अस्पतालों में ओपीडी ठप
जिला कुल्लू में सरकारी और निजी अस्पतालों में मरीजों का उपचार नहीं हुआ। चिकित्सक आगामी 24 घंटों के लिए पेन डाउन हड़ताल पर रहेंगे। वहीं, क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में चिकित्सकों ने गेट मीटिंग की और कोलकाता मामले की उचित जांच व सेंट्रल हेल्थ वर्कर्स प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग की। जिला के अस्पतालों में सिर्फ आपातकालीन सेवाएं जारी रहेंगी, जबकि ओपीडी में कोई भी काम नहीं होगा।
डॉक्टरों को सुरक्षा प्रदान करने की गुहार लगाई
मंडी जिले में भी डॉक्टर हड़ताल पर हैं। जिला के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान नेरचौक मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों ने एक दिवसीय हड़ताल के दौरान अपना विरोध दर्ज किया। हिमाचल मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने इस घटना के दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने और डॉक्टरों को सुरक्षा प्रदान करने की गुहार लगाई है। इस दौरान आपातकालीन सेवाएं दी गईं और बाकी कोई भी दिनचर्या का काम नहीं किया गया। कई मरीजों को बिना उपचार लौटना पड़ा। इस मौके पर अस्पताल के डॉक्टर भवानी ने कहा कि सभी डॉक्टरों की हड़ताल है और आपतकालीन सेवाएं ही दी जा रही हैं, बाकी कोई ओपीडी नहीं लगाई जाएगी। वहीं, मेडिकल स्टूडेंट एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कहा कि वह इस घटना से बहुत आहत हैं और इस मसले पर सरकार को जल्द बड़ा कदम उठाना होगा।
क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर में डॉक्टर डॉक्टर हड़ताल पर, आपातकालीन सेवाएं रहीं जारी
कोलकाता में महिला डॉक्टर से हुई दरिंदगी के विरोध में बिलासपुर में भी डॉक्टर हड़ताल पर हैं। अस्पतालों में ओपीडी, ऑपरेशन सेवाएं पूरी तरह बंद हैं। चिकित्सकों ने इस घटना के दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने और डॉक्टरों को सुरक्षा प्रदान करने की गुहार लगाई है। इस दौरान आपातकालीन सेवाएं दी गईं। आपातकाल में कक्ष के बाहर मरीजों की लंबी लाइन लगी रही। मरीज को अस्पताल से मायूस होकर लौटना पड़ा, क्योंकि लोगों को इस बात की जानकारी नहीं थी। चिकित्सकों ने कहा कि वे इस घटना से बहुत आहत हैं और इस मसले पर सरकार को जल्द बड़ा कदम उठाना होगा। हालांकि, एम्स बिलासपुर में लोगों को ओपीडी की सुविधा मिल रही है।
हमीरपुर में गांधी चौक तक निकाली रैली
मेडिकल कॉलेज हमीरपुर के चिकित्सकों ने कड़ा विरोध जताते हुए पेनडाउन स्ट्राइक शुरू कर दी है। शनिवार को पहले चिकित्सकों ने गेट मीटिंग कर दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान प्रशिक्षु चिकित्सकों ने हाथों में तख्तियां लेकर प्रदर्शन किया। मेडिकल कॉलेज परिसर से लेकर गांधी चौक तक रैली निकल गई। गांधी चौक पर नारेबाजी करते हुए महिला चिकित्सक को न्याय दिलाने की मांग की गई।। रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. रजित, फैकल्टी एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. सुभाष ने कहा कि चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होने चाहिए।
कोलकाता मामले पर क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में चिकित्सकों ने की हड़ताल
क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में भी महिला चिकित्सक दुष्कर्म व हत्या मामले को लेकर चिकित्सकों ने हड़ताल की। इस दौरान चिकित्सकों ने इस घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया। दूसरी तरफ शनिवार को ओपीडी में उपचार के लिए आने वाले मरीजों को इससे दिक्कतों का सामना करना पड़ा। हालांकि अस्पताल में हड़ताल के दौरान भी आपातकाल सेवाएं चलती रहीं। मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन के महासचिव डॉक्टर विकास चौहान ने बताया कि पश्चिम बंगाल मामले को लेकर हड़ताल की गई है और इस दौरान सभी ओपीडी सुविधाएं बंद हैं। जबकि आपातकाल सेवाएं सुचारू रूप से चल रहीं हैं। चिकित्सकों ने मांग उठाते हुए कहा कि सरकार को इस गंभीर मामले के बाद इस संदर्भ में सख्त कदम उठाने चाहिए।
मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल नाहन में चिकित्सकों ने किया प्रदर्शन
डॉ. वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल नाहन में चिकित्सकों ने प्रदर्शन किया। मेडिकल कॉलेज में आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर अन्य सभी सेवाएं एक दिन के लिए पूरी तरह से ठप रहीं। इस दौरान आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने व भविष्य में ऐसी घटनाओं पर रोक लगाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में डॉ. वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज की फैकल्टी एसोसिएशन, रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन व सेंट्रल स्टूडेंट एसोसिएशन के सदस्य शामिल रहे। प्रदर्शन के दौरान एक ज्ञापन मेडिकल कॉलेज प्राचार्य के माध्यम से सरकार को भेजा गया। फैकल्टी एसोसिएशन के महासचिव डॉ. मनीष यादव ने बताया कि कोलकाता में एक महिला प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ हुई हैवानियत बेहद शर्मसार कर देने वाली घटना है। इस अवसर पर वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. नवीन गुप्ता, डॉ. मेहर चंद, डॉ. शेलेंद्र कौशिक, डॉ. अनुराग, डॉ. अमित, डॉ. विनय, डॉ. संजीत राणा सहित अन्य चिकित्सक व प्रशिक्षु मौजूद रहे।