तबाही से सबक! शिमला में ग्रीन एरिया में अब नहीं बना सकेंगे मकान, हिमाचल सरकार ने लगाया प्रतिबंध
शिमला: हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने मॉनसून सीजन में हुए भारी नुकसान को देखते हुए बड़ा फैसला लिया है। सुक्खू सरकार ने प्रदेश की राजधानी शिमला के ग्रीन एरिया में निर्माण पर प्रतिबंध लगा दिया है। अब शिमला के ग्रीन बेल्ट एरिया में घर और अन्य निर्माण की अनुमति नहीं मिलेगी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला में निर्माण को लेकर स्पष्ट करते हुए कहा कि यहां अब किसी भी तरह का कंस्ट्रक्शन नहीं किया जा रहा है। अभी शिमला में कंस्ट्रक्शन पूरी तरह से बंद है। क्योंकि ये सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश के अनुसार बैन किया गया है।
सुक्खू ने कहा कि पूर्व की बीजेपी सरकार ने 2022 में शिमला डेवलपमेंट प्लान बनाकर सुप्रीम कोर्ट में सबमिट किया था। उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने शिमला डेवलपमेंट प्लान को नोटिफाई करने की इजाजत दे दी थी। वर्तमान सरकार ने इस प्लान में यह पाया कि उसमें कोर एरिया और ग्रीन एरिया में यह प्रावधान किया गया है। ग्रीन एरिया में डेढ़ मंजिल का निर्माण किया जा सकता है। लेकिन आपदा को देखते हुए वर्तमान सरकार ने शिमला डेवलोपमेन्ट प्लान में सख्ती करने करने का फैसला लिया है। जिसके तहत कोर एरिया या ग्रीन एरिया में लगे सूखे पेड़ है या हरे पेड़ किसी कारण से टूट जाते हैं तो वो जगह ग्रीन प्लॉट कहलाएगी। लेकिन वहां निर्माण कार्य के लिए अनुमति नहीं दी जाएगी।
नियमों को और कड़ा करने के निर्देश
प्रदेश में आई आपदा को देखते हुए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इन नियमों को और कड़ा करने के निर्देश दिये। इसी को देखते हुए कैबिनेट की 11 अक्तूबर को हुई बैठक में ग्रीन बेल्ट में निर्माण के प्रावधानों को और कड़ा किया गया है। उन्होंने कहा कि जाखू हिल्स में ग्रीन कवर का संरक्षण करने के लिए ऐसे प्लॉट जिनमें एक भी हरा या सूखा पेड़ है, उसपर किसी भी प्रकार के निर्माण पर प्रतिबंध रहेगा। शिमला डेवेलपमेंट प्लान को सर्वोच्च न्यायालय की अनुमति मिलने के बाद ही इसे लागू किया जाएगा।
‘छूट देने का सवाल ही पैदा नहीं होता’
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि शिमला में निर्माण पर पूरी तरह से प्रतिबंध है और यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर है। लिहाजा ग्रीन फील्ड में निर्माण कार्य में छूट देने का सवाल ही पैदा नहीं होता। उन्होंने कहा की उच्चतम न्यायालय के आदेशों पर पूर्व सरकार ने शिमला डेवलपमेंट प्लान उच्च न्यायालय में पेश किया था जिस पर वर्तमान सरकार पुनर्विचार करके और अधिक सख्ती करने जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार प्रदेश में 5 से 6 नए क्षेत्रों को ग्रीन फील्ड घोषित करने जा रही है और इसको लेकर रिपोर्ट भी मांगी गई है।