तीर्थ यात्रियों के चेहरों पर साफ दिख रहा था खौफ, बोले- ‘हमें बाबा केदार ने दिया नया जीवन’
Kedarnath Helicopter Emergency Landing: तीर्थ यात्रियों के चेहरों पर साफ दिख रहा था खौफ, बोले- ‘हमें बाबा केदार ने दिया नया जीवन’
Kedarnath Helicopter Emergency Landing घटना के बाद उन सभी छह तीर्थ यात्रियों के चेहरों पर खौफ साफ देखा जा सकता था जब हेलीकाप्टर स्थिर हो गया तो सभी यात्री उससे उतरे और एक-दूसरे को गले लगाया। तमिलनाडु के ये तीर्थयात्री जब दर्शन के लिए केदारनाथ मंदिर पहुंचे तो सभी काफी भावुक नजर आ रहे थे। जब तक वे मंदिर में रहे बाबा का आभार जताते रहे।
HIGHLIGHTS
- मंदिर पहुंचने पर सजल हो उठे हेलीकाप्टर दुर्घटना में सुरक्षित बचे तमिलनाडु के सभी तीर्थ यात्रियों के नेत्र
- काफी देर तक सभी तीर्थयात्री वहीं से एकटक मंदिर को निहारते रहे और फिर दर्शन को मंदिर में प्रवेश किया
रुद्रप्रयाग: Kedarnath Helicopter Emergency Landing: केदारनाथ धाम में हुई हेलीकाप्टर दुर्घटना में भले ही कोई अनहोनी नहीं हुई, लेकिन घटना के बाद उन सभी छह तीर्थ यात्रियों के चेहरों पर खौफ साफ देखा जा सकता था, जो उस हेलीकाप्टर में सवार थे।
तमिलनाडु के ये तीर्थयात्री जब दर्शन के लिए केदारनाथ मंदिर पहुंचे तो सभी काफी भावुक नजर आ रहे थे। जब तक वे मंदिर में रहे, बाबा का आभार जताते रहे। वहीं, प्रशासन ने लगभग 11:30 बजे सभी को एरो कंपनी के हेलीकाप्टर से वापस भिजवाया।
किसी भी तीर्थयात्री को खरोंच तक नहीं आई
केदारनाथ में हुई हेलीकाप्टर दुर्घटना में किसी भी तीर्थयात्री को खरोंच तक नहीं आई। लेकिन, उनके चेहरे साफ बता रहे थे किस खौफनाक मंजर से निकलकर आए हैं। प्रत्यक्षदर्शी सतीश गैरोला ने बताया कि दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद जब हेलीकाप्टर स्थिर हो गया तो सभी यात्री उससे उतरे और एक-दूसरे को गले लगाया।
इसके बाद उन्होंने बाबा केदार का आभार जताया और जोर-जोर से जय बाबा केदार का उद्घोष करते हुए सीधे मंदिर की ओर चल पड़े। मंदिर परिसर में पहुंचते ही सभी नेत्र सजल हो उठे। कुछ क्षण पहले ही मौत को अपने सामने से गुजरते हुए इन सभी ने देखा था। सो, काफी देर तक वहीं से एकटक मंदिर को निहारते रहे और इसके बाद दर्शन को मंदिर में प्रवेश किया। दर्शन के बाद सभी के चेहरे खिले हुए थे।
मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी आरसी तिवारी ने बताया कि जब तमिलनाडु निवासी शिवाजी अन्य पांच साथियों के साथ मंदिर पहुंचीं तो उनके माथे पर भय की रेखाएं उभरी हुई थीं। वह बस! एक ही रट लगाए हुए थीं कि बाबा के आशीर्वाद से उन्हें नया जीवन मिला है। शिवाजी ने उन्हें बताया कि हेलीकाप्टर जिस तरह घूमने लगा था, उसके अंदर सभी जोर-जोर से चिल्ला रहे थे।
एक से डेढ़ मिनट तक यह सब होता रहा। इस दौरान दिल की धड़कनें तेज हो गईं और सांसें उखड़ने लगी थीं, लेकिन जब हेलीकाप्टर स्थिर एवं सुरक्षित जमीन पर आ गया तो फिर जान में जान आई। सभी की खुशी का ठिकाना नहीं रहा और सबने एक-दूसरे को गले लगाया। तिवारी ने बताया कि इसके बाद लगभग 11:30 बजे सभी एरो कंपनी के हेलीकाप्ट से वापस चले गए।