लोक सभा चुनाव: भाजपा के तरकश में एक और तीर…मोदी के CAA और धामी के UCC से वोटरों को साधेगी भाजपा
लोक सभा चुनाव: भाजपा के तरकश में एक और तीर…मोदी के CAA और धामी के UCC से वोटरों को साधेगी भाजपा
Lok Sabha elections 2024: दो दिन पहले ही मोदी सरकार ने नागरिक संशोधन कानून (सीएए) लागू कर दिया। राज्य की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने भी समान नागरिक संहिता (यूसीसी) की राजपत्रित अधिसूचना जारी कर दी है।
उत्तराखंड की पांच लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही भाजपा के तरकश में मुद्दों के कई तीर हैं। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद समान नागरिक संहिता (यूसीसी) भी कानून बन गया है। चुनावी मुद्दे का यह तीर उत्तराखंड में नहीं भाजपा दूसरे राज्यों में भी छोड़ेगी। चुनाव का एलान होने से पहले ही पार्टी इन मुद्दों को धार देने में जुट गई है।
दो दिन पहले ही मोदी सरकार ने नागरिक संशोधन कानून (सीएए) लागू कर दिया। राज्य की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने भी समान नागरिक संहिता (यूसीसी) की राजपत्रित अधिसूचना जारी कर दी है। इन दोनों कानूनों के साथ अन्य प्रमुख मुद्दों को लेकर भाजपा चुनाव में अपने पक्ष में वातावरण बनाने की कोशिश करेगी। इसके लिए पार्टी प्रचार की खास रणनीति बना ली है।
पार्टी ने सबसे पहले अपनी पहली और दूसरी पांत के नेताओं को मोदी और धामी सरकारों के सख्त और कड़े फैसलों की जानकारी दी ताकि वे इसे जनता के बीच सहजता के साथ प्रचारित कर सकें। मुख्यमंत्री, मंत्री, सांसद, विधायक, प्रदेश अध्यक्ष, पार्टी पदाधिकारी और सरकार में दायित्वधारी लाभार्थी सम्मेलन से लेकर रैलियों, सभाओं और बैठकों में इन फैसलों की जानकारी दे रहे हैं।
पांचों सीट पर गूजेंगे धामी सरकार के ये पांच सख्त फैसले
2. दंगाइयों से निपटने का कानून : उपद्रवियों और दंगाइयों से सख्ती से निपटने के लिए धामी सरकार ने उत्तराखंड लोक व निजी संपत्ति क्षति पूर्ति अध्यादेश को मंजूरी दी। इस कानून के लागू होने पर सरकारी और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से न सिर्फ वसूली होगी और बल्कि आठ लाख रुपये का जुर्माना वसूला जाएगा। भाजपा इस फैसले को चुनावी हथियार बनाएगी।
3. महिलाओं को आरक्षण : राज्य की 39.72 लाख से अधिक महिला मतदाताओं को रिझाने के लिए भाजपा के तरकश में कई तीर हैं। पिछले कुछ महीनों में मुख्यमंत्री तकरीबन सभी जिलों में प्रवास कर चुके हैं और प्रवास की थीम मातृ शक्ति केंद्रित रही है। इन कार्यक्रमों में संगठन और सरकार राज्य की महिला अभ्यर्थियों को सरकारी नौकरियों में दिए गए 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का कानून बनाए जाने का जिक्र करना नहीं भूलती है। इसके अलावा लखपति दीदी योजना और महिलाओं के स्वरोजगार से जुड़ी योजनाओं को भाजपा ने प्रचार का माध्यम बनाया है।
4. भर्तियों में नकल रोकने का कानून : युवा मतदाताओं को अपनी ओर खींचने के लिए भाजपा अलग-अलग मोर्चों पर काम कर रही है। नव मतदाताओं से सीधा संवाद इस रणनीति की अहम कड़ी है। सीएम हों या प्रदेश अध्यक्ष युवाओं के बीच जाते हैं तो देश के सबसे सख्त नकल विरोधी कानून का जिक्र अनिवार्य रूप से करते हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए बनाए गए इस कानून में उम्र कैद तक प्रावधान है। इस कानून के जरिये भाजपा के नेता युवाओं के बीच यह दावा कर रहे हैं कि अब पारदर्शी परीक्षा के साथ योग्य उम्मीदवारों को भरपूर अवसर मिल रहे हैं।
5. आंदोलनकारियों को क्षैतिज आरक्षण : उत्तराखंड राज्य बनाने में अहम योगदान दे रहे राज्य आंदोलनकारियों व उनके आश्रितों को सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का फैसला भी चुनाव में मुद्दा बनेगा। भाजपा इस मुद्दे को भुनाएगी। हालांकि अभी राजभवन से इस विधेयक मंजूरी नहीं मिली है। लेकिन फैसले को लेकर भाजपा में प्रचार में जुट गई है।
मोदी और धामी सरकारों ने ऐतिहासिक फैसले लिए हैं। इन फैसलों को लेकर भाजपा का कार्यकर्ता मतदाताओं के बीच में जा रहे हैं। अपने दो साल पूरे करने जा रही हमारी सरकार ने अपने कड़े और सख्त फैसलों से अलग पहचान बनाई है। यूसीसी और दंगा विरोधी कानून इसके सबसे बड़े उदाहरण हैं।
– महेंद्र भट्ट, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष, उत्तराखंड