हिमाचल के सियासी संग्राम पर जयराम ठाकुर की चुटकी
Himachal Politics: हिमाचल के सियासी संग्राम पर जयराम ठाकुर की चुटकी, कहा- इससे बड़ा मजाक नहीं हो सकता…
हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव के बाद शुरू हुए सियासी घमासान के बीच नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर (Jairam Thakur) ने कांग्रेस सरकार की चुटकी ली। उन्होंने कहा कि इससे बड़ा कोई मजाक नहीं हो सकते है कि उनके अंदर डर का माहौल है कि कहीं सरकार न चली जाए। विधायक उनका साथ छोड़ रहे हैं। कांग्रेस अपने आंतरिक कलह के कारण परेशान है।
शिमला। हिमाचल प्रदेश राज्य में बड़े राजनीतिक उथल-पुथल के बीच नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने प्रदेश राजनीति की स्थिति को लेकर स्पष्ट करते हुए कहा कि जो कुछ भी यहां हो रहा है, वो एकमात्र कांग्रेस की जिम्मेदारी है। प्रदेश में राजनैतिक माहौल ऐसा है कि कांग्रेस आलाकमान कुछ भी कहे, चीजें अभी ठीक होने की कोई संभावना नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने सरकार बचाने के लिए अनैतिक कामों का हवाला देते हुए सीएम सु्क्खू पर निशाना साधा है।
छह अयोग्य कांग्रेस विधायकों को वापस बुलाने के लिए सीएम सुखविंदर सुक्खू का मजाक उड़ाते हुए जयराम ठाकुर ने कहा कि इससे बड़ा कोई मजाक नहीं हो सकता। शायद सीएम स्पष्ट रूप से समझ नहीं पा रहे हैं कि क्या कहा जा रहा है। अब ऐसी डर की स्थिति है कि कहीं सरकार चली जाएगी, विधायक उनका साथ छोड़ रहे हैं। हिमाचल प्रदेश में राजनीतिक हालात ऐसे हैं कि कांग्रेस आलाकमान कुछ भी कहे, चीजें अभी तक ठीक नहीं हुई हैं और ऐसा होने की कोई संभावना नहीं है।
कांग्रेस अपने आंतरिक कलह से परेशान- जयराम ठाकुर
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने राज्य सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के सवाल को खारिज कर दिया। साथ ही उन्होंने जोर देकर कहा कि आंतरिक कलह और राजनीतिक घटनाक्रम पूरी तरह से सत्तारूढ़ दल की जिम्मेदारी है।
उन्होंने आगे कहा कि मेरे हिसाब से सरकार रहेगी तो चलेगी नहीं। ठाकुर ने इस बात पर प्रकाश डाला कि सत्तारूढ़ दल के कार्यों ने सरकार के बने रहने पर संदेह पैदा करने वाली स्थिति पैदा कर दी है। विपक्ष के रुख पर जोर देते हुए ठाकुर ने स्पष्ट किया कि वे केवल सामने आ रही घटनाओं के पर्यवेक्षक हैं और किसी भी कार्रवाई के लिए उकसा नहीं रहे हैं।
सरकार बचाने के लिए अपनाए गए अनैतिक और गलत तरीके- जयराम ठाकुर
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि हम यहां बैठे हैं, हम कुछ नहीं कर रहे हैं। जो कुछ भी हो रहा है – वह उनके बीच हो रहा है। जो राजनीतिक घटनाक्रम हो रहा है, उसे लेकर हम सतर्क हैं। लेकिन सरकार बचाने के लिए जो अनैतिक और गलत तरीके अपनाए गए हैं जैसे- बीजेपी विधायकों का निलंबन, 6 कांग्रेस विधायकों की अयोग्यता, जल्दबाजी में किए गए इन फैसलों ने सीएम सुक्खू की छवि को प्रभावित किया है। ये उन्हें समझना चाहिए।
प्रतिभा सिंह ने सुक्खू को लेकर कही बड़ी बात
जयराम ठाकुर का आत्मविश्वास कांग्रेस में गहरे मतभेदों से उपजा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने इस बात का कोई आश्वासन नहीं दिया है कि पार्टी सीएम सुक्खू के नेतृत्व में अपना कार्यकाल पूरा करेगी। जब कांग्रेस पर्यवेक्षकों के बयान के बारे में पूछा गया कि सीएम सुक्खू 5 साल तक बने रहेंगे, तो हिमाचल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने कहा कि पर्यवेक्षकों के बोलने से क्या होता है? पर्यवेक्षक चाहते हैं कि ऐसा हो। यह कहना मुश्किल है कि लोग क्या चाहते हैं और क्या करेंगे होना।”
ऐसे संकट में आई सुक्खू सरकार
साल 2022 के विधानसभा चुनावों के बाद 68 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस के पास 40 विधायक थे, जबकि भाजपा के पास 25 विधायक थे। बाकी तीन सीटों पर निर्दलीयों का कब्जा है। छह बागी विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के साथ, सदन की ताकत 68 से घटकर 62 हो गई है और आधे का निशान अब 32 है।
छह विधायकों के नुकसान के साथ, कांग्रेस के पास अब 34 विधायक हैं और निर्दलीय विधायकों के साथ भाजपा के पास 28 विधायक हैं। कांग्रेस की किस्मत अब अपने बाकी विधायकों को एक साथ रखने की उसकी क्षमता पर निर्भर करेगी। राज्य में राजनीतिक संकट तब पैदा हुआ जब विधानसभा में स्पष्ट बहुमत होने के बावजूद कांग्रेस मंगलवार को राज्यसभा चुनाव हार गई।