हिमाचल में मौसम बदलाव, कम बारिश-बर्फबारी से जल्दी खिल रहे बुरांश के फूल

Himachal News: हिमाचल में बदल रहा मौसम, पर्याप्त बारिश-बर्फबारी न होने से जल्दी खिल रहे बुरांश के फूल
हिंदी टीवी न्यूज़, चौपाल (रोहड़ू) । Published by: Megha Jain Updated Mon, 17 Feb 2025
हिमाचल प्रदेश में समय से पहले बुरांश के फूल खिल रहे हैं। मार्च-अप्रैल माह में बुरांश के फूलों के लिए उपयुक्त मौसम होता है। इस बार पर्याप्त बारिश-बर्फबारी न होने के कारण यह बदलाव दिखाई दे रहा है।
चौपाल के कई क्षेत्रों में इस बार फरवरी के पहले सप्ताह में ही बुरांश खिलने शुरू हो गए हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, समय से एक महीने पहले ही बुरांश के फूल खिल जाना मौसम में आ रहे बदलाव का असर है। मार्च-अप्रैल माह में बुरांश के फूलों के लिए उपयुक्त मौसम होता है। इस बार पर्याप्त बारिश-बर्फबारी न होने के कारण यह बदलाव दिखाई दे रहा है। इससे हिमालयी क्षेत्रों में तापमान बढ़ रहा है। पौधों के लिए उचित तापमान बेहद आवश्यक है।
पौधों को समय से पहले पर्याप्त तापमान मिल जाता है, तो फ्लावरिंग होनी शुरू हो जाती है, लेकिन यह चिंता का विषय है। क्योंकि बेमौसम बुरांश खिलने का असर इसके तत्वों पर पड़ सकता है। बुरांश के फूल तो खिल रहे हैं, लेकिन इन फूलों के अंदर बनने वाले रसायन ठीक तरह से बन पाते हैं या नहीं। ऐसे में इसके औषधीय गुणों पर भी प्रभाव पड़ने की संभावना है। जिला शिमला की वादियां इन दिनों पहाड़ों पर खिले बुरांश की ललिमा से सराबोर हैं। कई स्थानों पर सड़कों के किनारे खिले यह फूल राह गुजरते लोगों का मन बरबस ही मोह लेते हैं। बुरांश का फूल सुंदर होता है।
पर्याप्त तापमान मिल जाता है, तो फ्लावरिंग होनी शुरू हो जाती है : डॉ. सुरेंद्र जस्टा
बागवानी विभाग चौपाल के विषयवाद विशेषज्ञ डॉ. सुरेंद्र जस्टा ने कहा कि बीते 6 माह से न तो ठीक से बारिश हुई है और न ही बर्फबारी देखने को मिल रही है, जिससे तापमान बढ़ रहा है और पौधों के लिए एक उचित तापमान बेहद आवश्यक है। अगर उन्हें समय से पहले ही पर्याप्त तापमान मिल जाता है, तो फ्लावरिंग होनी शुरू हो जाती है। हालांकि बुरांश जंगली फूल है और बेमौसम खिलने का असर इसके तत्वों पर भी पड़ सकता है। ऐसे में बुरांश के फूल तो खिल रहे हैं, लेकिन इन फूलों के अंदर बनने वाले रसायन ठीक तरह से बन नहीं पाते हैं।
चटनी, जूस और शरबत में इस्तेमाल, औषधीय महत्व भी
इसके आलावा बुरांश के फूलों की चटनी, जूस और शरबत भी बनाया जाता है। कुछ लोग इसके फूलों को सूखा कर रख लेते हैं और पूरा साल चटनी में इस्तेमाल करते हैं। बुरांश के फूलों का औषधीय महत्व भी है। बुरांश के फूल और पत्तियां मधुमेह, उच्च रक्तचाप, ह्रदय रोग, सिरदर्द, सांसों से जुड़े रोग, दाद-खाज-खुजली आदि बीमारियों में औषधि के रूप में कारगर माने गए हैं। पहाड़ों में बुरांश के फूल आजीविका का साधन भी बन चुके हैं।