हिमाचल में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का सूपड़ा साफ.क्यों खुश हैं CM सुक्खू?
Himachal Politics: हिमाचल लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का सूपड़ा साफ होने के बाद भी क्यों खुश हैं CM सुक्खू?
शिमला. हिमाचल प्रदेश में लोकसभा चुनाव के रिजल्ट बेशक कांग्रेस पार्टी के लिए सकारात्मक नहीं रहे. लेकिन सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू नतीजों के बाद भी खुश होंगे. सूबे में लगातार तीसरी बार कांग्रेस पार्टी का लोकसभा चुनाव में सूपड़ा साफ हो गया. 2014 के बाद से कांग्रेस पार्टी अगले लोकसभा चुनाव में कोई भी सीट नहीं जीत पाई है. हिमाचल प्रदेश में लोकसभा के लिए कुल चार सीटें हैं.
दरअसल, हिमाचल प्रदेश में लोकसभा चुनाव के साथ विधानसभा के लिए छह सीटों पर उपचुनाव हुए. इन 6 सीटों में से चार कांग्रेस पार्टी के खाते में गई, जबकि भाजपा को दो ही सीटों से संतोष करना पड़ा. सूबे में फरवरी माह में राज्यसभा चुनाव और बजट सत्र में हुए सियासी खेला के बाद कांग्रेस पार्टी को सरकार बचाने के लिए जूझना पड़ा. हालात ऐसे बन गए थे कि मानों कांग्रेस की सरकार जाने वाली है. लेकिन पार्टी ने किसी तरह से हालात संभाल लिए और सरकार गिरने से बचा ली. ऐसे में सीएम को लोकसभा चुनाव हारने के गम से उपचुनाव में जीत की खुशी है. उपचुनाव के नतीजों से अब सुक्खू सरकार और मजबूत हो गई है.
उपचुनाव पर था फोकस
फरवरी 2024 में हुए घटना क्रम के बाद सीएम सुक्खू का पूरा फोकस उपचुनाव पर था. उन्होंने केवल बड़सर, सुजानपुर, धर्मशाला, लाहौल स्पीति, गगरेट और कुटलेहड़ पर फोकस किया. लगातार इन विधानसभा क्षेत्रों का दौरा किया. लेकिन मंडी सहित अन्य लोकसभा क्षेत्रों में सीएम सुक्खू केवल इका-दुक्का बार ही गए. प्रियंका गांधी और राहुल गांधी ने जरूर कुछ रैलियां की, लेकिन राज्य की पूरी कांग्रेस पार्टी ने उपचुनाव में ताकत झोंकी. क्योंकि यदि कहीं भाजपा छह सीटों पर चुनाव जीत जाती तो सियासी हालात बदल सकते थे.
जीत के बाद क्या बोले सीएम सुक्खू
4 जून को नतीजों के बाद शिमला में सीएम आवास पर सुक्खू ने लोकसभा चुनाव पर महज खानापूर्ति के लिए बयान दिया. लेकिन उपचुनाव पर खुलकर बोले. सीएम ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को उपचुनाव की जीत पर बधाई दी और उनके नेतृत्व को सराहा. मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा उपचुनाव में जीत का श्रेय कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं की मेहनत को जाता है. प्रदेश के मतदाताओं और भगवान के आशीर्वाद से कांग्रेस की विधानसभा में 4 सीटें बढ़ी हैं और कांग्रेस पार्टी की सीटें 34 से बढ़कर 38 हो गई हैं. उन्होंने कहा कि आने वाले तीन विधानसभा चुनावों में भी कांग्रेस पार्टी बेहतर प्रदर्शन करते हुए तीनों सीटें जीतेगी. उन्होंने कहा कि अब कार्यकर्ताओं को कदम दर कदम बढ़ना है और भाजपा की चुनौती का डटकर मुक़ाबला करना है. सीएम ने कहा कि भाजपा बार-बार दावा कर रही थी कि 4 जून को भाजपा की हिमाचल प्रदेश में सरकार बनेगी, लेकिन जनता ने ख़रीद-फरोख्त की राजनीति को नकार दिया है और जनबल ने भाजपा के ऑपरेशन लोट्स को फेल कर दिया.
जयराम ठाकुर ने क्या कहा
शिमला में पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने गुरुवार को मीडिया से बातचीत और कहा कि राज्यसभा के बाद अब इन चुनावों के बाद अब कांग्रेस जनता की लोकप्रियता भी खो चुकी है. जयराम ने कहा कि लोकसभा चुनाव में सभी विधानसभा सीटों पर भाजपा को बढ़त मिली है. अबकी बार 68 में से कांग्रेस 61 सीटों पर चुनाव हारी है. वहीं, उप चुनावों में हम दो सीट हम जीते हैं. पूर्व सीएम ने पूछा कि उप चुनाव का कांग्रेस जश्न मना रही है, जबकि विकास की चिंता उसे नहीं है. सीएम के लिए चिंता का विषय ये है कि सरकार कैसे बचाई. जयराम ठाकुर ने कहा कि तीन निर्दलीयों के इस्तीफे नहीं लिए गए होते तो सरकार नहीं बचती.
क्या है पूरा मामला
हिमाचल प्रदेश में 27 फरवरी को राज्यसभा चुनाव हुआ. इस दौरान कांग्रेस के छह विधायक बागी हो गए. जो निर्दलीय कांग्रेस के साथ थे, उन्होंने भी भाजपा को वोट दिया. इस तरह से कांग्रेस के प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी हार गए. फिर बजट सत्र में भी ये नौ विधायक नहीं पहुंचे. इस पर काफी घमासान हुआ और फिर सरकार अल्पमत में आ गई थी लेकिन व्हिप की उल्लंघना के चलते छह कांग्रेसी विधायकों की विधानसभा सदस्यता चली गई. इसी के तलते हिमाचल में छह सीटों पर उपचुनाव हुए. अहम बात है कि आगे आने वाले समय में तीन सीटों पर फिर उपचुनाव होंगे. हिमाचल में अब कांग्रेस के पास 38 और भाजपा के 27 विधायक हैं. तीन सीटें खाली हैं.