ऑपरेशन सिंदूर: हरमिंदर साहिब में एयर डिफेंस सिस्टम लगाने का सेना का दावा एसजीपीसी ने खारिज किया

Operation Sindoor: सेना का दावा एसजीपीसी ने किया खारिज, हरमिंदर साहिब में नहीं लगाया था एयर डिफेंस सिस्टम
हिंदी टीवी न्यूज़, अमृतसर (पंजाब) Published by: Megha Jain Updated Tue, 20 May 2025
भारत की तरफ से चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान श्री हरिमंदिर साहिब (गोल्डन टेंपल) में सेना की तरफ से एयर डिफेंस गन लगाए जाने का दावा किया गया है। हालांकि इस दावे को हरिमंदिर साहिब के अतिरिक्त हेड ग्रंथी सिंह साहिब ज्ञानी अमरजीत सिंह ने पूरी तरह से खारिज कर दिया है।
पहलगाम हमले का बदला लेने के लिए भारत की तरफ से ऑपरेशन सिंदूर चलाया गया। ऑपरेश सिंदूर से बौखलाए पाकिस्तान ने कई बार ड्रोन हमले भी किए, लेकिन इन हमलों का भारतीय सेना ने मुंह तोड़ जवाब दिया और हमलों को एयर डिफेंस सिस्टम से पूरी तरह नाकाम किया था।
ऑपरेशन सिंदूर की भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट जनरल सुमेर इवान की तरफ से एक दिन पहले एक चैनल को दिए इंटरव्यू के दौरान भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच श्री हरिमंदिर साहिब (गोल्डन टेंपल) में सेना की तरफ से एयर डिफेंस गन लगाए जाने का दावा किया गया है। हालांकि सैन्य अधिकारी के इस दावे को हरिमंदिर साहिब के अतिरिक्त हेड ग्रंथी सिंह साहिब ज्ञानी अमरजीत सिंह ने पूरी तरह से खारिज कर दिया है। उन्होंने इस बयान को आश्चर्यजनक बताया है।
ब्लैकआउट के दौरान बंद की थी बाहर और ऊपर की लाइटें
ज्ञानी अमरजीत सिंह ने स्पष्ट किया कि हाल ही में शहर में ब्लैकआउट के संबंध में अमृतसर जिला प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों के मद्देनजर हरिमंदिर साहिब के प्रबंधन ने सहयोग किया। इस दौरान हरिमंदिर साहिब परिसर की बाहरी व ऊपरी लाइटें निर्धारित समय सीमा के अनुसार बंद कर दी गई, लेकिन जहां भी गुरु साहिब की रस्में निभाई जाती हैं, वहां लाइटें जलाकर रस्में पूरी जिम्मेदारी के साथ निभाई गई हैं।
एयर डिफेंस गन लगाने की नहीं दी अनुमति
ज्ञानी अमरजीत सिंह ने कहा कि भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट जनरल का यह दावा कि हेड ग्रंथी ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सेना को श्री हरिमंदिर साहिब में अपनी एयर डिफेंस गन लगाने की अनुमति दी है। मूल रूप से गलत है क्योंकि ऐसी कोई अनुमति नहीं दी गई है। इस पवित्र स्थान पर बंदूकें स्थापित करने की ऐसी किसी घटना को मंजूरी नहीं दी गई है। उन्होंने कहा कि श्री हरिमंदिर साहिब परिसर की दैनिक रस्में, श्री गुरु रामदास जी का लंगर, श्री अखंड पाठ साहिबान वाले स्थान और अन्य संबंधित गुरु स्थान अनिवार्य हैं, जिनमें किसी को भी किसी भी तरह से बाधा डालने का अधिकार नहीं है और हालिया स्थिति के बावजूद श्री हरिमंदिर साहिब परिसर में गुरु दरबार की रस्में पूरी निष्ठा और दृढ़ संकल्प के साथ जारी रखी गई हैं।
ऐसा बयान देना गलत और आश्चर्यजनक
ज्ञानी अमरजीत सिंह ने कहा कि ब्लैकआउट के दौरान किसी भी गुरु स्थान, जहां अनुष्ठान किए जाते हैं वहां की लाइटें बंद नहीं की गईं। सिंह साहिब ने कहा कि भारतीय सेना के अधिकारी ने ऐसा बयान क्यों दिया, यह तो वे ही स्पष्ट कर सकते हैं, लेकिन ऐसा कहना बहुत गलत और आश्चर्यजनक है। उन्होंने कहा कि अतिरिक्त मुख्य ग्रंथी के तौर पर वह इस बात पर जोर दे रहे हैं कि सेना को तोपें लगाने की कोई अनुमति नहीं दी गई थी।
सेना के अधिकारियों से नहीं हुआ कोई संपर्क- धामी
सेना अधिकारी के इस बयान के बारे में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि सरकार और जिला प्रशासन ने ब्लैकआउट के दौरान लाइट बंद करने के लिए उनसे संपर्क किया था, जिसमें हमने प्रशासनिक जिम्मेदारी समझते हुए पूरा सहयोग किया था। श्री हरिमंदिर साहिब में एयर डिफेंस गन लगाने के संबंध में भारतीय सेना के अधिकारियों से कोई संपर्क नहीं किया गया है।
ब्लैकआउट के दौरान भी हरिमंदिर साहिब में आए थे श्रद्धालु
उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करने के लिए अतिरिक्त मुख्य ग्रंथी ज्ञानी अमरजीत सिंह के परामर्श से केवल बाहरी लाइटें बंद की गईं। एडवोकेट धामी ने कहा कि ब्लैकआउट के दौरान भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु श्री हरिमंदिर साहिब में माथा टेकने और सेवा करने के लिए आते रहे और यदि एयर गन लगाने जैसी कोई घटना घटित होती तो श्रद्धालु अवश्य इसे देखते और इसका संज्ञान लेते। यह आश्चर्य की बात है कि एक सैन्य अधिकारी इस तरह की बात को क्यों बढ़ावा दे रहे हैं। भारत सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि सेना के अधिकारी इस तरह के बयान क्यों दे रहे हैं। हाल ही में पैदा हुए तनावपूर्ण हालात में देश और सेना ने जो भूमिका निभाई है, वह सराहनीय है, लेकिन सिखों के प्रमुख धार्मिक स्थल के बारे में कई दिनों के बाद इस तरह की गलत जानकारी फैलाना आश्चर्यजनक है। शिरोमणि कमेटी के अध्यक्ष के तौर पर एडवोकेट धामी ने स्पष्ट किया कि एयर डिफेंस सिस्टम लगाने की कोई इजाजत हरिमंदिर साहिब परिसर में नहीं दी गई है।
बंदूकें रखने के बारे में नहीं हुई कोई चर्चा
श्री हरिमंदिर साहिब के हेड ग्रंथी ज्ञानी रघबीर सिंह ने भी स्पष्ट किया कि हालांकि जब सैन्य अभियान चल रहा था, तब वह विदेश दौरे पर थे, लेकिन उस दौरान बंदूकें रखने के बारे में उनसे कोई चर्चा नहीं हुई और न ही श्री हरिमंदिर साहिब में ऐसा कुछ हुआ। ज्ञानी रघबीर सिंह ने सैन्य अधिकारी के बयान को आश्चर्यजनक बताया है।