चमोली आपदा: बहुओं ने बचाई जान, मलबे से निकाला परिवार

चमोली आपदा: बहुओं की हिम्मत; ससुर को बचाने लौटी ममता मलबे में दबी, दूसरी ने सास को मौत के मुंह से खींच निकाला
हिंदी टीवी न्यूज़, गोपेश्वर ( चमोली) Published by: Megha Jain Updated Mon, 22 Sep 2025
चमोली में बीते दिनों बादल फटने से नंदानगर के तीन क्षेत्रों में भारी तबाही मची है। बादल बिंसर पहाड़ी की चोटी के दोनों तरफ फटा जिससे पानी के सैलाब की तीन धाराएं बन गईं और सैंती लगा कुंतरी, फाली लगा कुंतरी और धुर्मा को भारी नुकसान पहुंचा है। ये भयावह मंजर यहां लोगो शायद कभी न भूल पाए।
धुर्मा गांव में लापता ममता देवी ससुर को बचाने गई थी, लेकिन खुद आपदा की शिकार हो गई। वहीं दूसरी बहू ममता ने सास को तो बचा लिया, लेकिन उनकी भी जान पर बन आई थी, उसने पंखे से लटककर खुद को बचाया। दोनों अभी लापता हैं, जिनकी खोजबीन लगातार जारी है।
धुर्मा गांव में बृहस्पतिवार की दरमियानी रात करीब डेढ़ बजे जब पानी और मलबा आने लगा तो लोगों में अफरा-तफरी की स्थिति बन गई। लोग घरों को छोड़कर सुरक्षित जगह पर जाने लगे। यहां गुमान सिंह का परिवार भी रहता है। उनके बड़े भाई की बहू ममता पत्नी विक्रम सिंह बच्चों को लेकर सुरक्षित स्थान पर जा रही थी, तभी उसे पता चला कि ससुर गुमान सिंह अंदर हैं। वह उन्हें लेने के लिए चली गई, गांव के विजेंद्र सिंह, महावीर सिंह, राजेंद्र सिंह व अन्य लोग बच्चों को सुरक्षित जगह पर लेकर चले गए।
मलबा आ गया और पूरा मकान मलबे में दब गया
बादल फटने से तबाही
कांवली देवी को पेड़ ने बचाया
पिता के ऊपर तीन बच्चों की जिम्मेदारी
ममता देवी के दो बेटी और एक बेटा हैं। बड़ी बेटी की उम्र 17 साल, दूसरी की 15 साल और बेटे की उम्र 10 साल है। उनके पति विक्रम सिंह होटल में काम करते हैं और इन दिनों घर आए हुए हैं। विक्रम के माता-पिता की पहले ही मौत हो चुकी है। ऐसे में अब तीनों बच्चों की जिम्मेदारी उनके ऊपर आ गई है। हालांकि परिवार के अन्य लोग भी बच्चों की देखभाल कर रहे हैं।