जयपुर: नगर निगम हैरिटेज में समितियों का गठन, सियासी संतुलन के साथ सरकार ने निभाया वादा

Jaipur News: जयपुर नगर निगम हैरिटेज में समितियों का गठन, सियासी समीकरणों के बीच सरकार ने निभाया वादा
हिंदी टीवी न्यूज़, जयपुर Published by: Megha Jain Updated Mon, 07 Apr 2025
जयपुर नगर निगम हैरिटेज में संचालन समितियों का गठन कर दिया गया है। सरकार ने कुल 24 समितियों का गठन किया है, जिनका कार्यकाल इस साल 10 नवंबर तक रहेगा। । गौरतलब है कि इसी दिन नगर निगम हैरिटेज बोर्ड का भी कार्यकाल समाप्त हो रहा है।
करीब 4 साल 5 महीने के लंबे इंतजार के बाद आखिर जयपुर नगर निगम हैरिटेज में संचालन समितियों का गठन कर दिया गया है। सरकार ने कुल 24 समितियों का गठन किया है, जिनका कार्यकाल इस साल 10 नवंबर तक रहेगा। गौरतलब है कि इसी दिन नगर निगम हैरिटेज बोर्ड का भी कार्यकाल समाप्त हो रहा है।
इस बार गठित हुई समितियों में खास बात यह है कि सरकार ने उन पार्षदों को भी चेयरमैन बनाया है, जिन्होंने पूर्व कांग्रेस मेयर मुनेश गुर्जर को हटाने के लिए भारतीय जनता पार्टी को समर्थन दिया था। यह समर्थन पिछले साल कांग्रेस और निर्दलीय पार्षदों की ओर से दिया गया था, जब मुनेश गुर्जर को पद से हटाकर कुसुम यादव को कार्यवाहक मेयर बनाया गया था।
सियासी समर्थन पर मिला इनाम
बीजेपी को समर्थन देने वाले 8 में से 7 पार्षदों को समितियों का चेयरमैन बनाकर सरकार ने अपना वादा निभाया है। इनमें मनोज मुद्गल, उत्तम शर्मा, ज्योति चौहान, अरविंद मेठी, मोहम्मद जकरिया, पारस जैन और संतोष कंवर शामिल हैं। हालांकि ये पार्षद अब तक बीजेपी के प्राथमिक सदस्य नहीं बने हैं लेकिन समर्थन के बदले उन्हें प्रमुख पद सौंपकर पार्टी ने बड़ा संकेत दिया है।
कार्यवाहक मेयर कुसुम यादव को इस बार सबसे अधिक जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। उन्हें कार्यकारी समिति, वित्त समिति और भवन अनुज्ञा एवं संकर्म समिति का चेयरमैन बनाया गया है। यह पहला मौका है जब किसी मेयर को एक साथ तीन महत्वपूर्ण समितियों की कमान दी गई हो।
इधर फुटकर व्यवसाय पुनर्वास समिति के चेयरमैन बनाए गए रवि जैन को लेकर प्रशासनिक स्तर पर भ्रम की स्थिति बन गई। रवि जैन वर्तमान में किसी भी वार्ड से पार्षद नहीं हैं और समितियों के प्रस्ताव में भी उनके वार्ड नंबर या पार्षद होने का कोई उल्लेख नहीं है। इसको लेकर डीएलबी अधिकारियों में असमंजस की स्थिति बनी रही।
गौरतलब है कि नवंबर 2020 में बोर्ड गठन के समय कांग्रेस की मुनेश गुर्जर को निर्दलियों के समर्थन से मेयर बनाया गया था लेकिन लगभग साढ़े तीन वर्षों तक संचालन समितियों का गठन नहीं हो सका। अब जब बोर्ड का कार्यकाल समाप्ति की ओर है, तब जाकर समितियों का गठन हुआ है।