हिमाचल: कुछ दफ्तर कांगड़ा शिफ्ट, वाइल्ड लाइफ विंग धर्मशाला जाएगा

Himachal: राज्य सरकार कुछ और दफ्तरों को कांगड़ा करेगी स्थानांतरित, वाइल्ड लाइफ विंग भी धर्मशाला शिफ्ट
हिंदी टीवी न्यूज़, शिमला Published by: Megha Jain Updated Tue, 06 May 2025
बैठक में राज्य सरकार ने वन विभाग के वाइल्ड लाइफ विंग के मुख्य कार्यालय को शिमला से धर्मशाला शिफ्ट करने को मंजूरी दी है।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कांगड़ा जिले को एक और तोहफा दिया है। कैबिनेट की बैठक में राज्य सरकार ने वन विभाग के वाइल्ड लाइफ विंग के मुख्य कार्यालय को शिमला से धर्मशाला शिफ्ट करने को मंजूरी दी है। धर्मशाला में यह दफ्तर एक पुराने सरकारी भवन में ही चलेगा। आने वाले समय में राज्य सरकार कुछ और सरकारी दफ्तरों को भी कांगड़ा जिले में स्थानांतरित करने पर विचार कर रही है। इससे पहले शांता कुमार सरकार ने हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड का दफ्तर शिमला से धर्मशाला शिफ्ट किया था। प्रदेश में सुक्खू सरकार बनने के बाद से कांगड़ा जिले के विकास और यहां आधारभूत ढांचा विकसित करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा कि शिमला के आईजीएमसी को मजबूत करने के साथ राज्य सरकार ने कांगड़ा जिले के सबसे बड़े अस्पताल डाॅ. राजेंद्र प्रसाद राजकीय मेडिकल कालेज टांडा में एक साथ विभिन्न श्रेणियों के 462 पद भर रही है। इससे जिला कांगड़ा जिला के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं घरद्वार पर उपलब्ध होंगी। टांडा में आधुनिक मशीनें लगाने के साथ यहां पर रोबोटिक सर्जरी की सुविधा भी जल्द ही शुरू होने वाली है। मुख्यमंत्री सुक्खू ने इस वर्ष 16 से 25 जनवरी तक कांगड़ा जिले के शीतकालीन प्रवास पर रहे और जिले को करोड़ों रुपये की सौगातें दी हैं। कांगड़ा जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कांग्रेस सरकार ने इसे प्रदेश की टूरिज्म कैपिटल का दर्जा दिया है और कई परियोजनाओं को धरातल पर उतारा जा रहा है।
उन्होंने कहा कि देहरा विधानसभा क्षेत्र के बनखंडी में अंतरराष्ट्रीय स्तर का जूलॉजिकल पार्क स्थापित किया जा रहा है जिसका निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है। यह कार्य अप्रैल, 2026 तक पूर्ण अनुमान है। इसके अतिरिक्त पठानकोट-मंडी और मटौर-शिमला फोरलेन राजमार्ग का निर्माण है। राज्य सरकार कांगड़ा एक विस्तार के साथ कई हेलिपोर्ट का भी निर्माण कर रही है, जिसम लोग आर्थिक रूप से समृद्ध होंगे। इसके अतिरिक्त भी जिले ी अनेक परियोजनाओं को धरातल पर उतारा जा रहा है। प्रदेश का सबसे बड़ा मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट 300 करोड़ रुपये की लागत से ढगवार में स्थापित किया जा रहा है, जिससे किसान लाभान्वित होंगे।