Himachal: आपदा प्रभावितों को पीएम आवास योजना का पैसा, हाईकोर्ट ने रिकवरी पर रोक लगाई

Himachal: आपदा प्रभावितों को बांट दिया पीएम आवास योजना का पैसा, हाईकोर्ट ने रिकवरी नोटिस पर लगाई रोक
हिंदी टीवी न्यूज़, शिमला Published by: Megha Jain Updated Thu, 20 Feb 2025
हिमाचल सरकार ने आपदा प्रभावितों के लिए विशेष पैकेज जारी किया था। जुलाई 2023 में आई बाढ़ से हुए नुकसान की भरपाई के लिए आपदा प्रभावितों को हिमाचल प्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना (आपदा) का पैसा बांट दिया।
रामपुर में जुलाई 2023 में आई बाढ़ से हुए नुकसान की भरपाई के लिए आपदा प्रभावितों को हिमाचल प्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना (आपदा) का पैसा बांट दिया। इस पर खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) रामपुर ने रिकवरी नोटिस जारी कर दिए। मामले के हाईकोर्ट पहुंचने पर कोर्ट ने रिकवरी नोटिस पर रोक लगा दी। मामले की अगली सुनवाई 25 मार्च को होगी। हिमाचल सरकार ने आपदा प्रभावितों के लिए विशेष पैकेज जारी किया था। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने रामपुर में आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर संबंधित क्षेत्र के पटवारियों और पंचायत सचिवों को निर्देश दिए थे कि प्रभावितों के नाम और पता बताएं।
प्रभावितों के नाम-पते सामने आने के बाद उनके नुकसान की जांच की गई। इसके बाद सरकार ने राहत के तौर पर ज्यूरी के क्याओं गांव के 17 प्रभावितों के खातों में तीन किस्तों में राशि जारी कर दी। जब बीडीओ ने जांच की तो पता चला कि प्रभावितों को प्रधानमंत्री आवास योजना (आपदा) का ही पैसा आवंटित कर दिया गया, जिसके वे पात्र ही नहीं थे। इसके बाद 4 फरवरी को प्रभावितों को बीडीओ ने रिकवरी नोटिस जारी कर 15 दिन के अंदर पैसा वापस करने के आदेश जारी कर दिए। बीडीओ के आदेश के खिलाफ प्रभावितों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी।
याचिका में कहा गया कि प्रभावितों को अपनी बात रखने का मौका नहीं दिया गया। सरकार ने वेरिफिकेशन करने के बाद पाया कि जिन लोगों को यह पैसा जारी किया गया है, वे इस योजना के तहत पात्र ही नहीं है। याचिकाकर्ताओं ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवेदन ही नहीं किया था। गांव के लोगों ने सरकार से राहत मांगी थी। सरकार की ओर से यह धनराशि उन लोगों को आवंटित की गई, जिनके आपदा के दौरान या तो घर बह गए थे या घरों में दरारें आ गई थीं। अब हाईकोर्ट के न्यायाधीश रंजन शर्मा की अदालत ने बीडीओ के रिकवरी आदेश पर रोक लगा दी है। अदालत ने साथ ही सरकार और अन्य प्रतिवादियों को चार सप्ताह के भीतर जवाब देने के आदेश दिए हैं।