Himachal: शानन प्रोजेक्ट की रेजरवायर के बैराज गेट समय पर नहीं खुलते तो बरोट में मच सकती थी तबाही

मंडी और कांगड़ा सीमा पर मुल्थान गांव में शुक्रवार को पानी के रिसाव के बाद अगर बरोट स्थित शानन परियोजना की रेजरवायर के बैराज गेट समय पर नहीं खुलते तो बरोट में भी तबाही मच जाती।

हिमाचल प्रदेश के मंडी और कांगड़ा सीमा पर मुल्थान गांव में शुक्रवार को पानी के रिसाव के बाद अगर बरोट स्थित शानन परियोजना की रेजरवायर के बैराज गेट समय पर नहीं खुलते तो बरोट में भी तबाही मच जाती। पंजाब की 110 मेगावाट शानन और हिमाचल राज्य की 66 मेगावाट बस्सी परियोजना को भी भारी नुकसान पहुंचता। शानन प्रोजेक्ट के बरोट में रेजरवायर के कनिष्ठ अभियंता राजन ने बताया कि पानी के रिसाव की जानकारी जैसे ही मिली तो बरोट स्थित रेजरवायर के दो बैराज गेट खोल दिए।शानन परियोजना के सिविल कनिष्ठ अभियंता आदित्य ने बताया कि परियोजना की पुरानी और नई रेजरवायर में करीब 16 लाख मिलियन क्यूबिक मीटर पानी भरा हुआ था। रेजरवायर में इनटेक लेना अगर बंद नहीं किया होता तो इसमें अधिक पानी भर जाता। इससे रेजरवायर के बांध टूटने की भी आशंका बन सकती थी। उधर, बस्सी परियोजना के आरई जितेंद्र कुमार ने बताया कि सुबह 10 बजे पानी की आपूर्ति कम हो जाने से परियोजना की दो मशीनों में विद्युत उत्पादन रोकना पड़ा। दोपहर एक बजे से देर शाम पांच बजे तक विद्युत उत्पादन न होने से लाखों रुपये का नुकसान हुआ है।