Himachal News: ‘हिमाचल में बनेगा मेडिकल डिवाइस पार्क’, CM सुक्खू बोले- नहीं लुटने देंगे राज्य के संसाधन
CM सुक्खू बोले- नहीं लुटने देंगे राज्य के संसाधन
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (CM Sukhu) ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के संसाधनों को किसी भी कीमत पर लुटने नहीं देगी। इन संसाधनों पर हिमाचल के लोगों का हक है। प्रदेशवासियों के हितों की रक्षा के लिए राज्य सरकार हर उचित कदम उठाएगी।
प्रदेश के हितों की रक्षा के लिए विभिन्न मोर्चों पर लड़ाई लड़ी जा रही है। इसी दिशा में कदम उठाते हुए राज्य सरकार ने मेडिकल डिवाइस पार्क भी स्वयं बनाने और केंद्र से मिले 30 करोड़ रुपये लौटाने का निर्णय लिया है। इसे अपने संसाधनों से बनाने का निर्णय लिया है।
राज्य सरकार ने जारी किए 74.95 करोड़ रुपये
सुक्खू ने कहा कि यदि केंद्र सरकार की राशि नहीं लौटाते हैं तो उद्योगपतियों को अनिवार्य प्रोत्साहन प्रदान करने पड़ेंगे। इससे राज्य के कोष पर बहुत अधिक बोझ पड़ेगा और राजस्व घाटा होगा। इस परियोजना के लिए राज्य सरकार ने अब तक 74.95 करोड़ रुपये जारी कर दिए हैं।प्राथमिकता पर मेडिकल डिवाइस पार्क का निर्माण किया जा रहा है। इससे पहले राज्य सरकार ने जिला ऊना के हरोली में बन रहे बल्क ड्रग पार्क में किसी भी प्राइवेट एजेंसी की सहायता नहीं लेने का निर्णय लिया था।राज्य सरकार बल्क ड्रग पार्क के निर्माण के लिए एक हजार करोड़ रुपये अपने संसाधनों से प्रदान करेगी। राज्य सरकार प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा दे रही है और उद्योगपतियों को उनके कारोबार में हरसंभव सहायता दी जा रही है। आने वाले समय में भी राज्य सरकार उद्योगपतियों को प्रदेश में निवेश के लिए प्रोत्साहित करने के प्रयास जारी रखेगी।
30 करोड़ रुपये वापस न करते तो राज्य को होता नुकसान
राज्य सरकार ने 265 एकड़ भूमि पर 350 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले मेडिकल डिवाइस पार्क के लिए केंद्र सरकार से मिले 30 करोड़ रुपये लौटाने निर्णय लिया है। प्रदेश सरकार यदि इस राशि को वापस नहीं करती तो राज्य को कई आर्थिक नुकसान होते होंगे। राज्य सरकार को उद्योगपतियों को भूमि एक रुपये प्रति वर्ग मीटर, बिजली तीन रुपये प्रति यूनिट के अतिरिक्त 10 वर्षों तक पानी, रखरखाव और गोदाम की सुविधा बिना किसी शुल्क के प्रदान करनी पडे़गी मेडिकल डिवाइस पार्क में बनने वाले अधिकांश उपकरण राज्य से बाहर बेचे जाएंगे, लेकिन इससे भी राज्य के खजाने को जीएसटी के कारण प्रत्यक्ष नुकसान होता। इसलिए राज्य सरकार ने इन शर्तों से मुक्त होने का निर्णय लिया, जिससे जमीन और अन्य संसाधनों की बिक्री से ही राज्य को आने वाले पांच-सात वर्षों में 500 करोड़ रुपये का लाभ होने की उम्मीद है। अब राज्य सरकार मेडिकल डिवाइस पार्क में आने वाले उद्योगों को अपनी उद्योग नीति के अनुसार प्रोत्साहन प्रदान करेगी।
अब 25 प्रतिशत भूमि चिकित्सा उपकरण उद्योगों के लिए: सीएम
सीएम ने कहा कि मेडिकल डिवाइस पार्क के निर्माण के लिए सरकार क्लस्टर विकास योजना के तहत स्माल इंडर्स्टीय डेवलपमेंट बैंक आफ इंडिया (सिडबी) से ऋण लेगी। अब परियोजना में फेरबदल करते हुए 25 प्रतिशत भूमि विशेष रूप से चिकित्सा उपकरण उद्योगों के लिए और 75 प्रतिशत अन्य उद्योगों के लिए आवंटित की जाएगी।
इस औद्योगिक पार्क को हिमाचल प्रदेश में अत्याधुनिक औद्योगिक केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा, जो आने वाले वर्षों में आर्थिक विकास और बेहतर बुनियादी ढांचे के साथ-साथ राज्य सरकार के लिए आय का नियमित स्रोत बनेगा।