Punjab News: अगर शिक्षकों को काेई दूसरा काम नहीं दिया जाएगा तो शिक्षक स्टूडेंट्स को पूरा समय दे सकेंगे

Punjab News: पढ़ाने के सिवाय शिक्षक नहीं करेंगे कोई दूसरा सरकारी काम, 19 हजार टीचरों के लिए मान सरकार का बड़ा कदम
Punjab News पंजाब के स्कूलों में स्टूडेंट्स को गणित व विज्ञान की पढ़ाई करवाने वाले शिक्षकों से कोई ओर काम नहीं लिया जाएगा। 19000 सरकारी स्कूलों में तैनात इन शिक्षकों का काम सिर्फ स्टूडेंट्स को पढ़ाना होगा। शिक्षकों को स्कूलों में न तो किसी फंड वितरण कमेटी का काम दिया जाए और न ही स्कूल में होने वाली किसी अन्य गतिविधि का इंचार्ज बनाया जाएगा।
HIGHLIGHTS
- 19000 सरकारी स्कूलों में तैनात इन शिक्षकों का काम सिर्फ स्टूडेंट्स को पढ़ाना होगा
- शिक्षा विभाग की ओर से जारी किए गए स्कूलों को निर्देश
चंडीगढ़। राज्य के स्कूलों में स्टूडेंट्स को गणित व विज्ञान की पढ़ाई करवाने वाले शिक्षकों से कोई ओर काम नहीं लिया जाएगा। 19000 सरकारी स्कूलों में तैनात इन शिक्षकों का काम सिर्फ स्टूडेंट्स को पढ़ाना होगा। शिक्षा विभाग की ओर से जारी किए गए पत्र में कहा गया है कि इन शिक्षकों से सिर्फ पढ़ाने का काम लिया जाएगा।
शिक्षक स्टूडेंट्स को पूरा समय दे सकेंगे
शिक्षकों को स्कूलों में न तो किसी फंड वितरण कमेटी का काम दिया जाए और न ही स्कूल में होने वाली किसी अन्य गतिविधि का इंचार्ज बनाया जाएगा। विभाग का मानना है कि अध्यापकों पर दूसरे कामों के बोझ के कारण स्टूडेंट्स को पूरा समय नहीं दे पाते। ऐसे में सिर्फ सिलेबस पूरा करने तक का ही शिक्षक टारगेट रखते है। लेकिन अगर शिक्षकों को काेई दूसरा काम नहीं दिया जाएगा तो शिक्षक स्टूडेंट्स को पूरा समय दे सकेंगे।
विभाग की ओर से भेजे गए पत्र में कहा गया कि स्कूलों के पास कई तरह के फंड होते है। जिन में खेल और शिक्षा फंड प्रमुख है। जब उक्त विषय के शिक्षकों को अगर इंचार्ज बनाया जाता है तो वह इसी काम में उलझे रहते है। इन विषयों के स्टूडेंट्स को अतिरिक्त ध्यान देने की जरूरत होती है।
विभाग की ओर से उठाए जा रहे कदम
इस लिए इस फैसले को तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए। ध्यान रहे कि सरकारी स्कूलों के स्टूडेंट्स का अंग्रेजी, गणित व साइंस में हाथ तंग है। यहीं नहीं 53 प्रतिशत स्टूडेंट्स पंजाबी भाषा का चैप्टर नहीं पढ़ पाते। शिक्षा विभाग की ओर से मिशन समर्थ के तहत कक्षा तीसरी से कक्षा आठवीं के 20 हजार छात्र छात्राओं के बीच करवाए गए सर्वे में सामने आई है। दिसंबर 2023 में हुए इस सर्वे में सामने आया है कि 100 छात्रों में सिर्फ 25 प्रतिशत छात्र ही अंग्रेजी विषय की में पूरी कहानी पढ़ सकते है। शिक्षा में सुधार के लिए विभाग की ओर से कई कदम उठाए जा रहे है।