Rewari: लोकसभा चुनाव के दौरान पेड न्यूज पर रहेगी प्रशासन की नजर

Rewari: लोकसभा चुनाव के दौरान पेड न्यूज पर रहेगी प्रशासन की नजर, जिला निर्वाचन अधिकारी ने कमेटी का किया गठन
रेवाड़ी प्रशासन ने लोकसभा चुनाव के दौरान राज्य स्तर पर और जिलास्तर पर मीडिया मॉनिटरिंग कमेटी का गठन किया जाता है। यह कमेटी इस बात का ध्यान रखती है कि कहीं कोई प्रचार माध्यम में कोई अफवाह या गलत समाचार तो नहीं प्रसारित किया जा रहा, जिससे चुनाव में मतदाता भ्रमित होता हो।
आगामी लोकसभा आम चुनाव के दौरान जिला प्रशासन द्वारा पेड न्यूज को लेकर विभिन्न स्तरों पर निगरानी रखी जाएगी। प्रिंट मीडिया सहित इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया पर भी प्रशासन की पैनी नजर रहेगी। प्रस्तावित चुनाव को लेकर जिला में तैयारियां तेज कर दी गई हैं। जिला में पेड न्यूज, एमसीएमसी, खर्चा सतर्कता व मीडिया शिकायत को लेकर कमेटी का गठन किया गया है। जिला स्तरीय मास्टर ट्रेनर द्वारा पेड न्यूज, एमसीएमसी, एमसीसी, खर्चा सर्तकता व मीडिया शिकायत को लेकर संबंधित अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
उपायुक्त एवं जिला निर्वाचन अधिकारी राहुल हुड्डा ने जानकारी देते हुए बताया कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा किसी भी वक्त लोकसभा चुनाव की तारीखों का एलान किया जा सकता है। ऐसे में प्रस्तावित लोकसभा चुनाव को लेकर प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसी कड़ी में विभिन्न विषयों पर टीमों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने पेड न्यूज, एमसीएमसी और मीडिया संबंधी शिकायतों को लेकर बताया कि वर्तमान समय के दौरान चुनाव प्रचार बहुत ही महत्वपूर्ण मुद्दा है। इसी प्रचार को माध्यम बनाकर भारत चुनाव आयोग के आदेशों की अवहेलना की जा सकती है और इसी पर कमेटी द्वारा नजर रखी जानी है। उन्होंने कहा कि पेड न्यूज एक ऐसा विषय है, जिस पर तुरंत संज्ञान लेने की जरूरत होती है।
उन्होंने कहा कि एमसीएमसी कमेटी द्वारा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में दिए जाने वाले विज्ञापन की स्वीकृति ली जाती है। ध्यान रखने की बात ये है कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में कोई भी भड़काऊ, धर्म आधारित या कानून एवं शांति व्यवस्था बिगाड़ने जैसे प्रसारण न हों। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान संबंधित टीम के अधिकारी एवं कर्मचारी को आचार संहिता के उल्लंघन के किसी भी मामले में ढिलाई नहीं बरतनी है और तुरंत इसकी सूचना सक्षम अधिकारी तक पहुंचानी है। उन्होंने बताया कि चुनाव के दौरान समाचार पत्र, टीवी चैनल, लोकल केबल टीवी, सोशल मीडिया आदि में समाचारों की शुचिता बरकरार रहनी चाहिए। कोई भी फेक या पेड न्यूज मीडिया में नहीं आनी चाहिए। कोई भी संचार माध्यम भ्रामक समाचार प्रसारित करता है तो चुनाव आयोग उसके खिलाफ कार्यवाही कर सकता है।
मीडिया मॉनिटरिंग कमेटी का गठन किया
चुनाव के दौरान राज्य स्तर पर और जिलास्तर पर मीडिया मॉनिटरिंग कमेटी का गठन किया जाता है। यह कमेटी इस बात का ध्यान रखती है कि कहीं कोई प्रचार माध्यम में कोई अफवाह या गलत समाचार तो नहीं प्रसारित किया जा रहा, जिससे चुनाव में मतदाता भ्रमित होता हो। विज्ञापन या समाचार को लेकर किसी प्रकार की शिकायत है तो उसके लिए निर्वाचन विभाग ने 1950 टोल फ्री नंबर जारी किया हुआ है।
चुनाव के समय मतदान से पहले वाले दिन और मतदान के दिन किसी भी उम्मीदवार को टीवी चैनल या अखबार में विज्ञापन प्रसारित करवाना है तो उसके लिए एमसीएमसी कमेटी से प्री-सर्टिफिकेट लेना होगा। उन्होंने बताया कि इस विज्ञापन के लिए भारत निर्वाचन आयोग से रजिस्टर्ड राजनैतिक पार्टी के उम्मीदवार को तीन दिन पहले और बाकी उम्मीदवारों को सात दिन पहले कमेटी के समक्ष अपना आवेदन प्रस्तुत करना होगा। कमेटी विज्ञापन सामग्री की जांच कर दो दिन में अपनी स्वीकृति या अस्वीकृति प्रदान करेगी।
मीडियाकर्मियों को जारी किए जाएंगे दो तरह के पास
डीसी ने बताया कि लोकसभा चुनाव की मीडिया कवरेज के लिए मीडियाकर्मियों को दो तरह के पास जारी किए जाएंगे। इनमें से एक मतदान के दिन के लिए होगा और दूसरा मतगणना के लिए जारी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पंपलेट, इश्तहार, बैनर, एलईडी आदि विज्ञापन सामग्री के लिए भी भारत चुनाव आयोग ने अपनी दरें निर्धारित की हुई हैं। उन्हीं के अनुसार उम्मीदवार के चुनाव खर्च में धनराशि को जोड़ा जाएगा। भारत निर्वाचन आयोग ने मतदाता जागरूकता के लिए भी स्वीप नाम से अभियान चलाया हुआ है।