Shimla: हिमाचल में सेब के बगीचे सूखे की चपेट में, झड़ रहे फल
Shimla: हिमाचल में सेब के बगीचे सूखे की चपेट में, झड़ रहे फल
सर्दियों में पर्याप्त बर्फ न गिरने और बीते 10 महीनों से पर्याप्त बारिश न होने से बगीचों में पौधे सूखने शुरू हो गए हैं।
हिमाचल प्रदेश में प्लम के बाद सेब के बगीचों पर सूखे की मार पड़नी शुरू हो गई है। सर्दियों में पर्याप्त बर्फ न गिरने और बीते 10 महीनों से पर्याप्त बारिश न होने से बगीचों में पौधे सूखने शुरू हो गए हैं।
बगीचों में नए लगाए पौधों में से 60 फीसदी तक सूख गए हैं। पुराने पौधों पर भी संकट खड़ा हो गया है। जमीन में नमी न होने से पौधों में लगे फल झड़ने शुरू हो गए हैं, जिससे बागवानों की चिंता बढ़ गई है। सेब की फसल पर जलवायु परिवर्तन की मार पड़नी शुरू हो गई है। ऐसे क्षेत्र जहां दिन में अधिकतर समय सीधी धूप पड़ती है बगीचों में नमी गायब होने से पौधे सूख रहे हैं।
नए पौधों पर सूखे की सबसे अधिक मार पड़ रही है। विशेषकर इस साल मार्च और इसके बाद लगाए नए पौधे सूख रहे हैं। नए पौधों की जड़ें गहरी नहीं होतीं इसलिए इन्हें अधिक नुकसान हो रहा है। बीमारी ग्रस्त पौधे सूखे की मार नहीं सह पा रहे हैं। ठियोग, कोटखाई, चौपाल, कोटगढ़, कुमारसैन, रामपुर और रोहड़ू में बागवानों को पौधे सूखने से सबसे अधिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। कोटखाई के बागवान सुनील शर्मा ने बताया कि बगीचे में ऐसे स्थानों पर जहां सीधी धूप पड़ती है वहां पुराने पेड़ भी सूखने लगे हैं। चौपाल के जगदीप रांटा का कहना है कि सूखे की मार के कारण पौधों से फल गिरने लगे हैं।