Supreme Court: दैनिक वेतन भोगियों को वर्कचार्ज स्टेटस, हिमाचल HC फैसले पर मुहर

Supreme Court: दैनिक वेतन भोगियों को मिलेगा वर्कचार्ज स्टेटस, हिमाचल हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम मुहर
हिंदी टीवी न्यूज़, शिमला। Published by: Megha Jain Updated Fri, 07 Feb 2025
सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए सरकार की ओर से दायर एसएलपी याचिका खारिज कर दी है।
हिमाचल में वन विभाग में सालों से काम करने वाले करीब 500 से अधिक दैनिक वेतन भोगियों को आठ साल पूरे होने के बाद वर्कचार्ज स्टेटस का लाभ मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए सरकार की ओर से दायर एसएलपी याचिका खारिज कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को नसीहत भी दी है कि भविष्य में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी की भर्तियां नीति और नियमों के प्रावधानों के तहत की जाएं।
सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी और न्यायाधीश अरविंद कुमार की खंडपीठ में मामले की सुनवाई हुई। कोर्ट ने कहा कि अश्वनी कुमार बनाम हिमाचल के तहत सभी को लाभ दिया जाए और आठ साल पूरे होने के बाद वर्कचार्ज स्टेटस दिया जाए। कोर्ट में दैनिक वेतनभोगी, माली, वन विभाग में कार्यरत दिहाड़ी और विभिन्न विभागों में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी के 500 मामलों में सुनवाई हुई। वर्कचार्ज स्टेटस का लाभ मिलने के बाद अब इन कर्मियों संशोधित पे स्केल समेत अन्य लाभ मिलेंगे।
हाईकोर्ट फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गई थी सरकार
हाईकोर्ट ने 12 जनवरी 2023 को दैनिक वेतन भोगियों को आठ साल पूरे होने के बाद वर्कचार्ज स्टेटस देने के आदेश दिए थे। कोर्ट के फैसले के खिलाफ हिमाचल सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई। राज्य सरकार ने वर्ष 2000 में 10 साल पूरा होने के बाद दैनिक वेतनभोगियों को वर्कचार्ज स्टेटस देने के लिए पॉलिसी बनाई थी। उसके बाद दो साल कम कर 8 वर्ष कर दिए। हालांकि, वर्कचार्ज स्टेटस का लाभ केवल आईपीएच, पीडब्ल्यूडी और बाद में कुछ अन्य विभागों को भी दिया गया। सरकार ने वन विभाग में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी को लाभ देने से इन्कार कर दिया।