चंडीगढ़ ने सौर ऊर्जा में कई बड़े राज्यों को पछाड़ा, पैदा कर रहा 65.52 मेगावाट बिजली

चंडीगढ़ ने सौर ऊर्जा में कई बड़े राज्यों को पछाड़ा
चंडीगढ़। सौर ऊर्जा उत्पादन में चंडीगढ़ ने कई बड़े राज्यों को पछाड़ दिया है। चंडीगढ़ में सौर ऊर्जा से 65.52 मेगावाट बिजली पैदा हो रही है। घरों की छतों पर तेजी से सोलर पावर प्लांट लगाए जा रहे हैं, जिससे ऊर्जा उत्पादन की क्षमता लगातार बढ़ रही है। अकेले 2035 घरों की छतों पर लगे सोलर प्लांट से ही 8.69 मेगावाट बिजली पैदा हो रही है।
चंडीगढ़ ने पिछले कुछ सालों में सोलर ऊर्जा पर काफी काम किया है। प्रशासन के सहयोग से चंडीगढ़ रिन्यूएबल एनर्जी एंड साइंस एंड टेक्नोलॉजी प्रमोशन सोसाइटी (क्रेस्ट) ने स्कूल, कॉलेज, सरकारी बिल्डिंग, टैंक, लेक समेत घरों पर भी सोलर पैनल लगाए हैं। वर्तमान में लगभग सभी बड़ी सरकारी बिल्डिंग पर पैनल लग चुके हैं। सरकारी मकानों पर पैनल लगाने का काम करीब 75 फीसदी तक पूरा हो चुका है। अब मीटर आदि लगाने का काम चल रहा है। क्रेस्ट को उम्मीद है कि यहां भी सोलर पावर प्लांट के शुरू होने के बाद 15 मेगावाट बिजली और पैदा होने लगेगी। इसके साथ ही चंडीगढ़ की क्षमता 80 मेगावाट तक पहुंच जाएगी। उन सरकारी मकानों पर जहां सोलर पैनल लगाना संभव नहीं, क्रेस्ट ने उनकी जानकारी यूटी प्रशासन के इंजीनियरिंग विभाग को भेजा है।
इसके अलावा क्रेस्ट ने हाल ही में सेक्टर-39 स्थित वाटर वर्क्स के टैंक नंबर-1 और 2 पर उत्तर भारत का सबसे बड़ा फ्लोटिंग एसपीवी पावर प्लांट बनाया गया है। 2500 किलोवाट का यह फ्लोटिंग एसपीवी पावर प्लांट न सिर्फ हर साल 35 लाख यूनिट सौर ऊर्जा उत्पन्न करेगा, बल्कि हर साल 477.5 मिलियन लीटर पानी का वाष्पीकरण भी कम करेगा सौर ऊर्जा से रोशन होगा जीएमएसएच-16
जीएमएसएच-16 शहर का पहला अस्पताल बन सकता है, जो 100 फीसदी सौर ऊर्जा से रोशन होगा। इसके लिए शहर में सबसे बड़ा सोलर प्लांट आईटी पार्क की पार्किंग में लगाया जा रहा है। यहां पर करीब एक मेगावाट का सोलर प्लांट लगाने का काम लगभग पूरा होने वाला है। आईटी पार्क की पार्किंग में इन सोलर पैनल्स के नीचे गाड़ियां भी खड़ी हो सकेंगी। यह प्लांट 13 लाख यूनिट सालाना बिजली पैदा करेगा, जो जीएमएसएच-16 को दी जाएगी। विभाग की कोशिश है कि जीएमएसएच-16 की बिजली की मांग सोलर ऊर्जा से ही पूरी की जाएगी। फिलहाल इस प्लांट से अस्पताल की मांग पूरी नहीं होगी, लेकिन आने वाले दिनों में अन्य प्लांटों से भी जीएमएसएच-16 को सौर ऊर्जा दी जाएगी।
सब्सिडी मिलनी शुरू
शहर के नागरिक अपने घर की छत पर बिना किसी खर्च के सोलर पावर प्लांट लगा सकें, इसके लिए क्रेस्ट रेस्को मॉडल लेकर आया था लेकिन बाद में केंद्र सरकार ने पीएम सूर्य घर योजना लॉन्च कर दी इसलिए अब रेस्को को भी इसी का हिस्सा बना दिया गया है। पीएम सूर्य घर योजना के तहत सोलर पावर प्लांट लगाने के लिए अब तक 2900 लोगों ने आवेदन किया है। इनमें से कई घरों पर प्लांट लग चुके हैं। हाल ही में चार घरों को सब्सिडी भी दी गई है। रेस्को मॉडल के लिए 1300 के करीब आवेदन आए थे। क्रेस्ट इन आवेदनों को, पंजीकृत कंपनियों को भेजता है। इसके बाद कंपनी मकान मालिक के साथ समझौता करके सोलर पावर प्लांट लगाती है।