लाहौल में शीतलहर: तापमान माइनस 27 डिग्री सेल्सियस, जम गया तेल, दूध और पानी

लोगों के घरों में तेल, दूध और पानी बर्तनों में जम गया। तेल और घी को तंदूर के पास रखकर पिघलाना पड़ रहा है। इधर, पानी और दूध जम जाने से लोगों की परेशानी बढ़ गई है।मौसम खुलने के साथ ही हिमाचल प्रदेश के जनजातीय क्षेत्र लाहौल घाटी में दो दिन से प्रचंड ठंड पड़ रही है। बुधवार की रात इस सर्दी के मौसम की सबसे ठंडी रात रही। सिस्सू में रात का न्यूनतम तापमान शून्य से 27 डिग्री सेल्सियस रहा। जिला मुख्यालय केलांग में -23 और उदयपुर -20 डिग्री दर्ज किया गया। लोगों के घरों में तेल, दूध और पानी बर्तनों में जम गया। तेल और घी को तंदूर के पास रखकर पिघलाना पड़ रहा है। इधर, पानी और दूध जम जाने से लोगों की परेशानी बढ़ गई है। घरों के साथ होटल और ढाबों में जग, केतलियों और अन्य बर्तनों में रखा पानी भी जम जा रहा है। रात की प्रचंड ठंड के चलते सुबह के समय वाहन स्टार्ट नहीं हो रहे हैं। गुरुवार को घाटी में मौसम अनुकूल रहने से दिनभर धूप खिली रही। हालांकि, लोगों को ठंड से राहत नहीं मिली। 13,000 वर्ग किलोमीटर के दायरे में फैला लाहौल-स्पीति दो दिन से प्रचंड ठंड के कहर से जूझ रहा है।घाटी के बुजुर्ग सोनम राम, पामा छोपेल और वीर सिंह ने बताया कि इस बार नवंबर से दो दिन पहले तक इतनी सर्दी नहीं पड़ी है। जो यहां पिछले दो दिन से पड़ रही है। जाहलमा में ढाबा संचालक किरु ने बताया कि मंगलवार तक उनके ढाबे के अंदर जग और बर्तनों में हल्का पानी जम रहा था। बुधवार रात से पानी भी ठोस परत के रूप में जम गया है। गाहर घाटी की महिला सोनम आंगमो ने बताया कि उनके घर में बर्तन में रखा दूध भी पहली बार जमते हुए देखा है। राशेल गांव के सुरेश कुमार ने बताया कि इस सर्दी में वीरवार सुबह तेल पैकेट के अंदर ही जम गया। सिस्सू में तैनात सीमा सड़क संगठन (94) के जेई शुभम सिंह ने बताया कि बुधवार रात्रि सिस्सू का तापमान- 27 डिग्री सेल्सियस रहा। लाहौल- स्पीति के पुलिस अधीक्षक मयंक चौधरी ने घाटी के वाहन चालकों से ध्यान से वाहन चलाने की अपील की है।