हरियाणा में अकेले लड़ेगी कांग्रेस… सपा और आप से नहीं होगा गठबंधन! इस बड़े नेता का दावा
हरियाणा में अकेले लड़ेगी कांग्रेस… सपा और आप से नहीं होगा गठबंधन
हरियाणा में विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने शुक्रवार को राज्य में आम आदमी पार्टी (आप) के साथ गठबंधन के सभी दावों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपने दम पर चुनाव लड़ने में सक्षम है। आप के साथ गठबंधन के बारे में हुड्डा ने कहा, हमारा समाजवादी पार्टी के साथ भी गठबंधन है, लेकिन यह केंद्रीय स्तर का गठबंधन है, राज्य आधारित नहीं है। हरियाणा में हमारा कोई गठबंधन नहीं है। राष्ट्रीय स्तर पर हमारा सभी दलों के साथ गठबंधन है, लेकिन राज्य स्तर पर ऐसी कोई चर्चा नहीं है कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ने में पूरी तरह सक्षम है। हुड्डा ने कहा कि आगामी चुनावों में मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच है। आगामी चुनावों के लिए इनेलो-बसपा गठबंधन पर टिप्पणी करते हुए हुड्डा ने कहा, लोकसभा के नतीजों ने साफ तौर पर दिखा दिया है कि मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच है, जिसमें वोट काटने वालों के लिए कोई जगह नहीं है।
सपा हरियाणा में सीटें लेने पर अडिग
उधर, सपा हरियाणा विधानसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन के तहत सीटें लेने पर अडिग है। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस नेतृत्व को बता दिया गया है कि अगर हरियाणा में सपा कमजोर है तो यूपी में भी कांग्रेस मजबूत नहीं है। उपचुनाव वाली जिन सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ने का दावा कर रही है, वर्ष 2022 के चुनाव में वहां कांग्रेस की हालत बेहद खराब रही थी।राजनीतिक सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस ने यूपी के उपचुनाव में 3 से 5 सीटें मांगी हैं, तो सपा ने हरियाणा और महाराष्ट्र में दावा ठोका है। हरियाणा में विधानसभा चुनाव का कार्यक्रम जारी हो चुका है। सपा का कहना है कि हरियाणा में 11 सीटें यादव बहुल और सात सीटें मुस्लिम बहुल हैं। इनमें से सपा पांच सीटें मांग रही है। दूसरी ओर बताते हैं कि कांग्रेस की हरियाणा इकाई के नेता सपा को साझेदारी के तहत सीटें देने के लिए तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि यहां सपा का जनाधार ही नहीं है।सपा सूत्रों का कहना है कि यूपी में उपचुनाव वाली आठ सीटों पर 2022 में कांग्रेस छह हजार वोटों के अंदर ही सिमट गई थी। मीरापुर, कुंदरकी, खैर और फूलपुर में तो उसे दो हजार वोट भी नहीं मिले थे। 10 हजार मतों से ऊपर सिर्फ एक सीट गाजियाबाद में ही कांग्रेस गई थी।अगर सपा का हरियाणा में दावा नहीं बनता है तो उस आधार पर यूपी के उपचुनाव में भी कांग्रेस को दावा करने का अधिकार नहीं है। हालांकि, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक कार्यक्रम में कहा था कि महाराष्ट्र और हरियाणा को लेकर कांग्रेस नेतृत्व को अपनी बात बता दी है। ऐसे में माना जा रहा है कि यूपी की सीटों पर साझेदारी हरियाणा और महाराष्ट्र पर निर्भर करेगी। अगर इन दो राज्यों में सपा को हिस्सेदारी नहीं मिली तो यूपी में भी सपा, कांग्रेस को कोई सीट देने की इच्छुक नहीं है।