हिमाचल में 6,297 प्री प्राइमरी शिक्षकों की भर्ती जल्द

Himachal News: हिमाचल में 6,297 पदों पर जल्द प्री प्राइमरी शिक्षकों की शुरू होगी भर्ती
हिंदी टीवी न्यूज़, शिमला। Published by: Megha Jain Updated Thu, 20 Feb 2025
सुप्रीम कोर्ट से आउटसोर्स भर्ती पर लगी रोक हटते ही शिक्षा विभाग ने भर्ती प्रक्रिया फिर शुरू करने की कवायद शुरू कर दी है। ऐसे में प्रदेश में जल्द ही 6,297 पदों पर प्री प्राइमरी शिक्षकों की भर्ती शुरू होगी।
हिमाचल प्रदेश में जल्द ही 6,297 पदों पर प्री प्राइमरी शिक्षकों की भर्ती शुरू होगी। सुप्रीम कोर्ट से आउटसोर्स भर्ती पर लगी रोक हटते ही शिक्षा विभाग ने भर्ती प्रक्रिया फिर शुरू करने की कवायद शुरू कर दी है। राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स कारपोरेशन के माध्यम से एनटीटी करने वालों के पद भरे जाएंगे। यह भर्ती प्रक्रिया पूर्व सरकार के समय से फाइलों में घूम रही है।
बीते वर्ष कांग्रेस सरकार ने भर्ती शुरू कर दी थी, लेकिन हिमाचल हाईकोर्ट से आउटसोर्स पर भर्तियां करने पर रोक लगाने का फैसला आने के चलते मामला लटक गया था। अब हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने स्टे लगा दिया है। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने विभागीय सचिव को भर्ती शुरू करने के निर्देश दिए हैं। नर्सरी और केजी कक्षाओं वाले स्कूलों में भर्ती किए जाने वाले शिक्षकों को सरकार ने प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा प्रशिक्षक का पदनाम दिया है। 21 से 45 वर्ष की आयु के बारहवीं कक्षा में 50 फीसदी अंक प्राप्त करने वाले हिमाचली भर्ती के पात्र होंगे। इसके लिए दो वर्ष का डिप्लोमा या नर्सरी में बीएड होना अनिवार्य रहेगा।
मान्यता प्राप्त संस्थान से नर्सरी शिक्षक शिक्षा, प्री-स्कूल शिक्षा, प्रारंभिक बाल्यावस्था शिक्षा कार्यक्रम (कम से कम दो वर्ष का) में डिप्लोमा या बीएड (नर्सरी) होना चाहिए। एससी/एसटी/ओबीसी/पीडब्ल्यूडी उम्मीदवारों के लिए योग्यता अंकों में पांच प्रतिशत की छूट रहेगी। हिमाचल प्रदेश के बाहर के संस्थानों से बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण करने वाले उम्मीदवारों को वास्तविक हिमाचली होना आवश्यक रहेगा।
10 हजार होगा पारिश्रमिक, बिना सरकार की अनुमति के नहीं निकाले जा सकेंगे
विद्यालयवार रिक्तियां प्रारंभिक शिक्षा निदेशक निर्धारित करेंगे। करों और सेवा प्रदाता शुल्क सहित 10 हजार का मासिक पारिश्रमिक तय किया गया है। इसमें एजेंसी चार्जेज, जीएसटी, अन्य खर्च शामिल हैं। प्रत्येक जिले में प्राथमिक शिक्षा के उपनिदेशक के समग्र नियंत्रण में रहते हुए प्रशिक्षक स्कूल के सबसे वरिष्ठ शिक्षक की देखरेख में काम करेंगे। सरकार की मंजूरी के बिना किसी भी प्रशिक्षक को वियोजन से मुक्त नहीं किया जा सकेगा। नामांकन भिन्नता या प्रशासनिक कारणों से प्राथमिक शिक्षा निदेशक के परामर्श से स्थानांतरण हो सकेंगे।