राजस्थान: बिजली इंजीनियरों की अवैध नियुक्ति पर हाईकोर्ट ने 31 अधिकारियों को नोटिस

Rajasthan News: बिजली इंजीनियरों की अवैध नियुक्ति पर हाईकोर्ट सख्त, UDH सचिव समेत 31 अधिकारियों को नोटिस
हिंदी टीवी न्यूज़, जयपुर Published by: Megha Jain Updated Sat, 20 Sep 2025
Rajasthan News: राजस्थान हाईकोर्ट ने यूडीएच सचिव सहित 30 अधिकारियों को नोटिस जारी किया। जनहित याचिका में सेवा नियमों के उल्लंघन और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए।
राजस्थान हाईकोर्ट ने नगरीय विकास विभाग (UDH) में बिजली कंपनियों के इंजीनियरों की नियुक्तियों को लेकर बड़ी कार्रवाई की है। पब्लिक अगेंस्ट करप्शन संस्था की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की खंडपीठ ने UDH सचिव, राज्य की पांचों बिजली कंपनियों के प्रबंध निदेशकों समेत 31 अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। पीठ ने यह स्पष्ट किया कि बिजली कंपनियों में नियुक्त कनिष्ठ अभियंताओं (Electrical JENs) को यूडीएच विभाग में कैसे और किस नियम के तहत सीधे नियुक्त कर दिया गया, यह स्पष्ट किया जाए। कोर्ट ने कहा कि यदि अगली तारीख तक सचिव की ओर से शपथ-पत्र नहीं दिया गया तो उन्हें व्यक्तिगत रूप से अदालत में उपस्थित होकर जवाब देना होगा। जनहित याचिका में संस्था के अधिवक्ताओं पूनम चंद भंडारी और डॉ. टी.एन. शर्मा ने दलील दी कि इन इंजीनियरों की नियुक्ति पूरी तरह से राजस्थान सेवा नियमों और RAPSAR एक्ट का उल्लंघन है।
किसी बोर्ड या निगम से सीधे सरकार में समायोजन ( Absorption) का कोई वैधानिक प्रावधान नहीं है। केवल “Surplus” स्थिति में ही अंतर-निगम नियुक्ति संभव होती है। याचिकाकर्ताओं ने इसे “सरकार में पिछले दरवाजे से नियुक्ति” करार देते हुए कहा कि न तो कोई परीक्षा ली गई, न आरक्षण नीति का पालन हुआ। यह एक प्रकार का सुनियोजित भ्रष्टाचार है, जहां मलाईदार विभागों में मनचाहे लोगों को नियमों के खिलाफ समायोजित किया गया। कोर्ट ने नगरीय विकास विभाग के सचिव के माध्यम से सभी 31 अधिकारियों को नोटिस तामिल करवाने और अतिरिक्त महाधिवक्ता मनोज शर्मा को याचिका की प्रति सौंपने के निर्देश भी दिए।