शिमला: दृष्टिबाधित बेरोजगारों का चक्काजाम, सचिवालय के पास यातायात ठप

Shimla: फिर उग्र हुए दृष्टिबाधित बेरोजगार, सचिवालय के पास किया चक्काजाम, वाहनों की आवाजाही ठप
हिंदी टीवी न्यूज़, शिमला Published by: Megha Jain Updated Tue, 20 May 2025
शिमला में करीब 581 दिनों से अपनी मांगों के लिए संघर्षरत दृष्टिबाधित बेरोजगार मंगलवार को फिर उग्र हुए।
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में करीब 581 दिनों से अपनी मांगों के लिए संघर्षरत दृष्टिबाधित बेरोजगार मंगलवार को फिर उग्र हुए। दृष्टिबाधित संघ ने सचिवालय के समीप चक्का जाम कर दिया। इससे सड़क पर वाहनों की आवाजाही ठप हो गई। बीते 21 अप्रैल को धनीराम शांडिल ने मांगों के समाधान के लिए दृष्टिबाधितों को 15 मई तक मुख्य सचिव के साथ बैठक करने का आश्वासन मिला था, लेकिन कोई पहल नहीं हुई। अब दृष्टिबाधितों ने फिर से चक्का जाम कर दिया है। ट्रैफिक बुरी तरह बाधित है। वाहनों की एकतरफा आवाजाही हो रही है। दृष्टि बाधित संघ के अध्यक्ष शोभू राम ने बताया कि सरकार लगातार उनकी मांगों की अनदेखी कर रही है।
दृष्टिबाधित कोटे के बैकलॉग पदों को एकमुश्त भरने की मांग
बता दें, पहले कालीबाड़ी मंदिर के समीप 581 दिन से दृष्टिबाधित जन संगठन अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत है। 27 मार्च से संघ के लोग सचिवालय के समीप छोटा शिमला बस स्टॉप पर धरने पर बैठे हुए हैं। मंगलवार सुबह उग्र हुए संघ के सदस्यों ने सचिवालय के समीप बीच सड़क पर बैठकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। संघ के सचिव राजेश ठाकुर ने बताया कि वह विभिन्न विभागों में खाली पड़े दृष्टिबाधित कोटे के बैकलॉग पदों को एकमुश्त भरने की मांग कर रहे हैं। सरकार से कई दौर की वार्ता भी हो चुकी है, लेकिन अभी तक सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आए हैं। जब वह चक्का जाम करते हैं तो उन्हें वार्ता के लिए बुलाया जाता है, लेकिन बाद में कुछ नहीं होता। पुलिस उनके साथ दुर्व्यवहार कर रही है। तब तक चक्का जाम चलता रहेगा, जब तक कि मुख्यमंत्री या मुख्य सचिव उनसे मिलने नहीं आते हैं। लंबे अरसे से दृष्टिबाधित कोटे के विभिन्न विभागों में पद खाली चल रहे हैं, लेकिन सरकार इसमें भर्तियां नहीं कर रही है।