हाईकोर्ट: लिपिकीय त्रुटि पर ही बदलेगी जन्मतिथि

Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने कहा- लिपिकीय त्रुटि पर ही बदलेगी जन्मतिथि
हिंदी टीवी न्यूज़, शिमला Published by: Megha Jain Updated Tue, 20 May 2025
Himachal Pradesh High Court: सेवा रिकॉर्ड में दर्ज जन्म तिथि को लिपिकीय त्रुटि के सिवाय नहीं बदला जा सकता। ये कहना है हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट का।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने कहा है कि सेवा रिकॉर्ड में दर्ज जन्म तिथि को लिपिकीय त्रुटि के सिवाय नहीं बदला जा सकता। न्यायाधीश अजय मोहन गाेयल की अदालत ने कहा कि जन्म तिथि सरकारी सेवा में प्रवेश के समय की गई आयु की घोषणा संबंधित सरकारी सेवक के विरुद्ध तब तक निर्णायक मानी जाएगी, जब तक कि वह सरकारी सेवा में प्रवेश की तारीख से 2 वर्ष के भीतर दर्ज की गई अपनी आयु में सुधार के लिए आवेदन नहीं करता है। सरकार सरकारी सेवक की दर्ज की गई आयु में सुधार करने का अधिकार सुरक्षित रखती है। कर्मचारियों को यह मौका दिया जाता है कि अगर उनकी जन्म तिथि नियुक्ति के दौरान गलत दर्ज की गई है तो नियुक्ति के दो साल के भीतर जन्म तिथि में सुधार के लिए विभाग के पास आवेदन किया जाता है, लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं है। अदालत ने याचिका को खारिज करते हुए यह फैसला दिया है।
यह है मामला
याचिकाकर्ता ने सेवा रिकॉर्ड में परिवार रजिस्टर के मुताबिक जन्म तिथि में सुधार को लेेकर याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता वर्ष 1986 में शिक्षा विभाग में शामिल हुआ। याचिकाकर्ता का मानना था कि चूंकि सेवा रिकॉर्ड में दर्ज जन्म तिथि उसकी वास्तविक जन्म तिथि से मेल नहीं खाती है, इसलिए प्रतिवादियों को जन्म तिथि को 2 जून 1966 से 17 अगस्त 1969 में सुधार करने को लेकर आदेश दिए जाएं। वर्ष 2018 में जब याचिकाकर्ता ने अपना जन्म प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए संबंधित पंचायत से संपर्क किया था, तब उसे पता चला कि सेवा रिकॉर्ड में जन्म तिथि की प्रविष्टि में विसंगति थी। वहीं, प्रतिवादियों की ओर से बताया गया कि वर्ष 1986 में याचिकाकर्ता राज्य सेवा में शामिल हुआ। याचिकाकर्ता की जन्मतिथि संबंधित अधिकारी या कर्मचारी की मर्जी से सेवा रिकॉर्ड में दर्ज की गई थी। यह नियुक्ति के समय विभाग को स्वयं उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों के आधार पर दर्ज की गई थी।