Cervical Cancer: क्या है HVP Vaccine

Cervical Cancer: क्या है HVP Vaccine जो सर्वाइकल कैंसर से बचाने में है मददगार, जानें इसके बारे में सबकुछ
Cervical Cancer कैंसर इन दिनों एक गंभीर बीमारी बनती जा रही है। सर्वाइकल कैंसर इसका एक प्रकार है जिससे दुनियाभर में कई महिलाओं प्रभावित हैं। इसकी वजह से दुनियाभर में कई महिलाएं अपनी जान गवां देती हैं। यही वजह है कि इस बीमारी से बचाव के एचपीवी वैक्सीन (HVP Vaccine) लगवाने की सलाह दी जाती है। आइए जानते हैं इस बीमारी से जुड़ी सभी जरूरी बातों के बारे में-
- कैंसर एक गंभीर बीमारी है, जो किसी को भी अपना शिकार बना सकती है।
- सर्वाइकल कैंसर इस बीमारी है एक प्रकार है, जो महिलाओं को प्रभावित करता है।
- इसे एचपीवी वैक्सीन से रोका जा सकता है। आइए जानते हैं इसके बारे में सबकुछ।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Cervical Cancer: भागदौड़ भरे जीवन में जहां लोगों के पास सुकून से बैठने का समय नहीं है, तो वहीं व्यस्तता की वजह से अक्सर अपना ध्यान रखना भी मुश्किल हो जाता है। बदलती लाइफस्टाइल का हमारी सेहत पर गहरा असर पड़ता है। इन दिनों लोग कई बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। कैंसर इन्हीं गंभीर बीमारियों में से एक है, जिससे आजकल कई सारे लोग प्रभावित है। कैंसर दुनियाभर में होने वाली मौतों का एक प्रमुख कारण है। कैंसर के कई सारे प्रकार होते हैं, जो शरीर के विभिन्न अंगों को प्रभावित करता हैं।
शरीर के अलग-अलग हिस्सों में होने वाले इन कैंसर को उन्हीं के नाम से जाना जाता है। सर्वाइकल कैंसर इन्हीं में से एक है, जो महिलाओं को अपनी चपेट में लेता है। यह कैंसर का एक गंभीर प्रकार है, जिसकी वजह से कई महिलाओं को अपनी जान भी गंवानी पड़ती है। हालांकि, इस कैंसर को एचपीवी वैक्सीन की मदद से रोका जा सकता है। आइए जानते हैं क्या है एचपीवी और कैसे काम करती है इसकी वैक्सीन-
क्या है एचपीवी
मायो क्लिनिक के अनुसार एचपीवी, जिसे ह्यूमन पेपिलोमावायरस के नाम से भी जाना जाता है, यौन गतिविधियों से जरिए फैलने वाला एक वायरस है। इसके दो तरह के स्ट्रेन होते हैं, जिनमें से कुछ स्ट्रेन प्राइवेट पार्ट में मस्से या गांठ की वजह बनते हैं, जबकि इसके कुछ स्ट्रेन कैंसर का कारण बन सकते हैं। ज्यादातर मामलों में शरीर इस वायरस का पता लगाकर इसे खत्म कर देता है, लेकिन अगर लंबे समय तक यह वायरस शरीर में रहता है, तो कैंसर की वजह बन सकता है। ऐसे में एचवीपी के खिलाफ वैक्सीन लगवाने से पुरुषों और महिलाओं को कैंसर से बचाव करने में मदद मिलती है।
क्या करती है एचपीवी वैक्सीन?
आमतौर पर एचपीवी वैक्सीन का इस्तेमाल कैंसर से बचाव के लिए किया जाता है। इस वैक्सीन को लगाने से एचपीवी के कारण होने वाले वजाइना, वल्वा, पेनिस या एनस कैंसर से सुरक्षा मिलती है। साथ ही ये वैक्सीन जेनिटल मस्सों या गांठों और सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) से भी बचाव करती है। इतना ही नहीं यह वैक्सीन मुंह, गले, सिर और गर्दन के कैंसर से भी बचाव करती हैं, जो आमतौर पर एचपीवी के कारण होता है।
एचपीवी वैक्सीन (HPV Vaccine) किसे और कब दी जानी चाहिए?
अमेरिकी फूड एवं ड्रग एडिमिन्सट्रेशन (एफडीए) की तरफ से गार्डासिल 9 वैक्सीन को 9 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों को देने की अनुमति दी गई है। इस वैक्सीन को अन्य टीकों की तरह ही दिया जा सकता है।
वहीं, डिजीज कंट्रोल और प्रीवेंशन सेंटर्स (सीडीसी) ने एचपीवी के नियमित वैक्सीनेशन के लिए 11 या 12 साल की उम्र तय की है। दरअसल, वैक्सीन के लिए सही उम्र का सिलेक्शन व्यक्ति के यौन सक्रिय होने से पहले का है।
ऐसा इसलिए क्योंकि एक बार जब किसी व्यक्ति को एचपीवी हो जाता है, तो वैक्सीन उतना प्रभावी नहीं हो सकता है, क्योंकि वैक्सीन नए संक्रमण को रोकने का काम करती है। ऐसे में अगर किसी व्यक्ति में वायरस है, तो वैक्सीन शरीर को वायरस निकालने में मदद नहीं कर सकती।
ऐसे में जो लोग 15 साल से कम में यह वैक्सीन लगवाते हैं, उन्हें 6 से 12 महीने के अंतर में वैक्सीन की दो डोज लगाई जाती है। वहीं, जो लोग बाद में 15 से 26 साल की उम्र में वैक्सीन लगवाते हैं, उन्हें छह महीने में वैक्कीन की तीन डोज दी जाती है।
किन लोगों नहीं लगवानी चाहिए वैक्सीन?
- अगर आप प्रेग्नेंट हैं, तो इस दौरान एचपीवी वैक्सीन (HPV Vaccine) नहीं ले सकतीं। गर्भावस्था के दौरान इस वैक्सीन को नहीं दिया जाता है।
- अगर एचपीवी की पहली डोज के बाद किसी व्यक्ति को एलर्जी हो गई है या किसी व्यक्ति को गंभीर, जानलेवा एलर्जी है, तो ऐसे लोगों को एचपीवी वैक्सीन लेने की सलाह नहीं दी जाती है।
- इसके अलावा, जो लोग मामूली या गंभीर रूप से बीमार हैं, उन्हें भी एचपीवी वैक्सीन लगवाने के लिए पूरी तरह ठीक होने तक का इंतजार करना चाहिए।
अगर आप यौन गतिविधि में सक्रिय हैं, तो क्या एचपीवी वैक्सीन फायदेमंद है?
अगर आप यौन गतिविधियों में एक्टिव हैं, तो एचपीवी वैक्सीन से होने वाले फायदों के बारे में विस्तार से जानने के लिए अपने डॉक्टर से बात कर सकते हैं। ज्यादातर लोग यौन गतिविधियों में शामिल होने के तुरंत बाद ही एचपीवी वायरस की चपेट में आ जाते हैं। ऐसे में अगर आपके शरीर में इस वायरस का एक स्ट्रेन भी है, तो आपको इस वैक्सीन है फायदा मिल सकता है।
एचपीवी वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स?
अक्सर वैक्सीन्स को कई तरह के साइड इफेक्ट्स होते हैं। हालांकि, एचपीवी वैक्सीन की बात करें, तो कई अध्ययनों में एचपीवी वैक्सीन को सुरक्षित पाया गया है। इसके कुछ हल्के प्रभाव हो सकते हैं, जिसमें इंजेक्शन लगने वाली जगह पर दर्द, सूजन या लालिमा शामिल हैं। इसके अलावा वैक्सीन लगने के बाद चक्कर सकते हैं। साथ ही सिरदर्द, मतली, उल्टी, थकान या कमजोरी भी हो सकती है।
क्या एचपीवी वैक्सीन लगवाने के बाद महिलाओं को पैप स्मियर टेस्ट कराने की जरूरत है?
हां, एचपीवी वैक्सीन (HPV Vaccine) के बाद भी पैप स्मियर टेस्ट की जरूरत है, क्योंकि यह वैक्सीन टेस्ट की जगह नहीं ले सकता। पैप स्मियर टेस्ट 21 साल की उम्र से नियमित रूप से कराना चाहिए, ताकि समय रहते सर्वाइकल कैंसर का पता लगाया जा सके। अगर आप निम्न लक्षण नजर आए, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
- शारीरिक संबंध बनाने के लिए ब्लीडिंग
- पीरियड्स के बीच या मेनोपॉज के बाद ब्लीडिंग
- पेल्विक में दर्द
- शारीरिक संबंध बनाने के दौरान दर्द