Fancy Number Himachal: वीआईपी नंबर के लिए मारामारी, परिवहन विभाग ने छह महीने में 13 करोड़ कमाए
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प्रदेश में वाहनों के वीआईपी नंबरों के लिए मारामारी चल रही है। रसूखदार, विधायक व नेता वीआईपी नंबरों के लिए ऑनलाइन बोली लगा रही है। हिमाचल प्रदेश में वाहनों के वीआईपी नंबरों के लिए मारामारी चल रही है। रसूखदार, विधायक व नेता वीआईपी नंबरों के लिए ऑनलाइन बोली लगा रही है। छह महीने के भीतर परिवहन विभाग को वीआईपी नंबर की आनलाइन बोली से 13 करोड़ रुपये की कमाई की है। अब विभाग की ओर से जल्द ही नई सीरीज के वीआईपी नंबरों के लिए आवेदन मांगे जाएंगे। जिन लोगों ने आनलाइन बोली से वीआईपी नंबर लिए हैं, उन्हें औपचारिकताएं पूरी कर नंबर लेने को कहा गया है।परिवहन विभाग के मुताबिक सेंट्रल मोटर व्हीकल एक्ट नियम 1989 नियम 47 के तहत जो व्यक्ति हिमाचल का निवासी हो और जिसके पास प्रदेश में व्यवसाय करने का प्रमाण हो, वह परिवहन विभाग की बेवसाइट पर जाकर फैंसी नंबर के लिए दिए गए लिंक पर क्लिक करके आवेदन कर सकता है। विभाग की ओर से आरंभिक पंजीकरण दो हजार रुपये शुल्क निर्धारित किया गया है। बोली के न्यूनतम मूल्य की 30 फीसदी राशि जो डेढ़ लाख व इससे ज्यादा बनती है, जमा करवानी होती है।
विभाग की ओर से अब तक 3155 वीआईपी नंबर जारी किए जा चुके हैं। इससे पहले विभाग की ओर से नंबर जारी किए जाते थे। लोग बढ़चढ़ कर बोलियां लगाते थे, लेकिन बाद में नंबर नहीं लिए जाते थे। ऐसे में प्रदेश सरकार ने नियमों में बदलाव किया है। न्यूनतम मूल्क की 30 फीसदी राशि विभाग एडंवास में ले लेता है। दूसरे नए नियमों के तहत गड़बड़ी करने वालों पर कानूनी कार्रवाई का भी प्रावधान किया गया है। परिवहन विभाग के निदेशक अनुपम कश्यप ने बताया कि वीआईपी नंबर के लिए आन लाइन बोली लगती है। इससे विभाग को करोड़ों की कमाई हो रही है।