Himachal: ‘न कोई मेडिकल ऑफिसर, न कोई नियमित जांच…’, हिमाचल के ऊना में छह नशा मुक्ति केंद्रों पर लगा ताला

Himachal Pradesh News हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में छह नशा मुक्ति केंद्रों को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है। ये केंद्र हिमाचल प्रदेश के बजाय पंजाब के लोगों द्वारा चलाए जाते थे। शिमला से जारी आदेशों के अनुसार अब इन केंद्रों के संचालक भविष्य में इनका संचालन नहीं कर सकेंगे। इस संदर्भ में आदेश जारी किए जा चुके हैं।
HIGHLIGHTS
- ऊना के छह नशा केंद्रों पर लगा ताला
- इस संबंध में राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण ने इन्हें बंद करने के आदेश जारी किए हैं
- अब इन केंद्रों के संचालक भविष्य में इनका संचालन नहीं कर सकेंगे
ऊना। हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में छह नशा मुक्ति केंद्रों को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है। इन संबंध में अधिकारियों ने बताया कि ऊना में नशा मुक्ति केंद्र के नाम पर दुकानें चलाने वाले केंद्रों पर कड़ी कार्रवाई करते हुए राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण ने इन्हें बंद करने के आदेश जारी किए हैं।
पंजाब के लोग चला रहे थे ये केंद्र
एजेंसी पीटीआई के अनुसार, राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण ने साबा फाउंडेशन गगरेट, जीवन जोत भंजाल, वेलनेस होम कोटलाकलां, लास्ट डोर जलग्रां, जीवन सुधार हरोली और जीवन जोत टब्बा में खुले नशा मुक्ति केंद्रों को बंद करने के आदेश जारी किए हैं। ये केंद्र हिमाचल प्रदेश के बजाय पंजाब के लोगों द्वारा चलाए जाते थे। शिमला से जारी आदेशों के अनुसार अब इन केंद्रों के संचालक भविष्य में इनका संचालन नहीं कर सकेंगे।
छब्बीस नशा मुक्ति केंद्र पंजीकृत थे, अब बचे केवल बीस
बता दें ऊना जिले में अब तक 26 नशा मुक्ति केंद्र पंजीकृत थे, लेकिन छह केंद्रों को बंद करने के आदेश के बाद अब जिला में नशा मुक्ति केंद्रों की संख्या घटकर 20 रह गई है। यह निर्णय भंजाल में नशा मुक्ति केंद्र के संचालक को ‘चिट्टा’ (मिलावटी हेरोइन) की आपूर्ति करने के आरोप में पकड़े जाने के बाद आया, जिसके बाद मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. की अध्यक्षता वाली एक टीम द्वारा जिले के सभी नशा मुक्ति केंद्रों में निरीक्षण किया गया।
कोई मेडिकल ऑफिसर तैनात नहीं
निरीक्षण टीम ने पाया था कि नशा मुक्ति केंद्र नियमानुसार नहीं चल रहे थे और वहां रखे गए नशेड़ियों की हालत जानवरों से भी बदतर थी और इन केंद्रों में मेडिकल ऑफिसर की भी कोई व्यवस्था नहीं थी। नशा मुक्ति केंद्रों में रहने वाले लोगों की नियमित स्वास्थ्य जांच भी नहीं होती है और दी जाने वाली दवाओं का रिकॉर्ड भी नहीं रखा जाता था।
इस बाबत अधिकारी ने बताया कि राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण ने जिले के छह केंद्रों को बंद करने का आदेश दिया है. हरोली-गगरेट नशा मुक्ति केंद्र में पहले भी दो युवकों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत भी हो चुकी है।