Himachal News: प्रदेश में प्लास्टिक कचरे से 200 किमी सड़कें बनाएगा लोक निर्माण विभाग

Himachal News: प्रदेश में प्लास्टिक कचरे से 200 किमी सड़कें बनाएगा लोक निर्माण विभाग
सिंगल यूज प्लास्टिक प्रबंधन के लिए ‘बाय बैक नीति’ के तहत अब तक करीब 1,300 टन प्लास्टिक लोक निर्माण विभाग की ओर से सड़कों के निर्माण और सीमेंट कारखानों में उपयोग किया गया है।
हिमाचल प्रदेश में लोक निर्माण विभाग को प्लास्टिक कचरे से 200 किलोमीटर सड़क बनाने का लक्ष्य दिया गया है। सिंगल यूज प्लास्टिक प्रबंधन के लिए ‘बाय बैक नीति’ के तहत अब तक करीब 1,300 टन प्लास्टिक लोक निर्माण विभाग की ओर से सड़कों के निर्माण और सीमेंट कारखानों में उपयोग किया गया है। निदेशक पर्यावरण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी डीसी राणा ने यह जानकारी सिंगल यूज प्लास्टिक प्रबंधन टास्क फोर्स की चौथी बैठक के दौरान दी। बैठक की अध्यक्षता मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने की। राणा ने बताया कि सिंगल यूज प्लास्टिक को लेकर राज्य में जागरुकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, विशेषकर प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन पर गंभीरता से काम किया जा रहा है। पॉलिथीन से होने वाले खतरों को देखते हुए राज्य में गैर बायोडिग्रेडेबल सामग्री से बने पॉलिथीन या प्लास्टिक कैरी-बैग के उपयोग, बिक्री और निर्माण पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है।
प्रदेश में पंजीकृत कूड़ा बीनने वालों और व्यक्तिगत परिवारों के माध्यम से 75 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से खरीदा जा रहा है। ब्रेड, केक, बिस्किट, कुकीज, नमकीन, कुरकुरे, चिप्स या वेफर्स, कैंडीज, पनीर पफ्स, आइसक्रीम, आइसक्रीम कैंडीज, नूडल्स, चीनी कोटिड मिष्ठान वस्तुएं, साफ और सूखी पैकेजिंग, दूध, तेल, शैम्पू, हाथ धोने, तरल साबुन, दही, छाछ, जूस आदि जैसे तरल पदार्थों के पाउच या पैकेट, अनाज या कॉर्नफ्लेक्स या नाश्ता अनाज की पैकेजिंग के प्लास्टिक कचरे को हटा दिया जाएगा। बैठक में प्रधान सचिव शहरी विकास नगर एवं ग्राम नियोजन देवेश कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर और विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
हर शनिवार को समीक्षा बैठक करें उपायुक्त
मुख्य सचिव ने प्रदेश के सभी उपायुक्तों को हर शनिवार को सिंगल यूज प्लास्टिक के समुचित प्रबंधन की प्रगति का आकलन करने के लिए समीक्षा बैठक आयोजित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ‘बाय बैक नीति’ के अनुसार नॉन रिसाइकिल और सिंगल यूज प्लास्टिक अपशिष्ट को खरीदने की व्यवस्था की भी समीक्षा की जानी चाहिए। जिम्मेवार अधिकारियों को इसे दुरुस्त बनाने के निर्देश दिए जाने चाहिए।