Kullu Dussehra: सात दिनों तक तपस्वियों की तरह रहते हैं 3,000 कारकून
Kullu Dussehra: सात दिनों तक तपस्वियों की तरह रहते हैं 3,000 कारकून, जानें क्या है देव परंपरा
हिंदी टीवी न्यूज़, कुल्लू Published by: Megha Jain Updated Thu, 17 Oct 2024
कुल्लू दशहरा में देवताओं के मुख्य कारकून तपस्वियों की तरह रहते हैं। देव परंपरा का निर्वहन करते हुए यह कारकून देवताओं के शिविरों में बने खाने को ही खाते हैं।
हर देवता के साथ करीब 10 से 12 मुख्य कारकून ऐसे होते हैं जसे देव नियमों से बंधे रहते हैं। उन्हें रात-दिन अपने अधिष्ठाता की चाकरी करनी पड़ती है। इसमें मुख्यत: देवता का कारदार, पुजारी, गूर, पुरोहित, कायथ, भंडारी सहित कुछ अन्य कार करिंदे शामिल है। हालांकि देवता के साथ इन नियमाें का पालन करना पड़ता है, कुल्लू दशहरा में इन नियमों का पालन करना किसी अग्नि परीक्षा से कम नहीं है।