Kullu Dussehra: सांस्कृतिक प्रस्तुति के बहाने देव संस्कृति को जानेंगे विदेशी, 14 देशों के सांस्कृतिक दल आएंगे

अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा में देव समागम दुनिया भर में प्रसिद्ध है। एशिया के साथ यूरोप, अमेरिका और अफ्रीकी देशों तक कुल्लू की देव संस्कृति की गूंज है। इसको जानने के लिए सालभर विदेशी सैलानी जिला के देव स्थलों तक पहुंचते हैं। अब दशहरा का मौका है, जहां जिला के करीब 300 देवी देवता रघुनाथ की नगरी में डेरा डालेंगे। सात दिनों तक ढालपुर का वातावरण देवलोक में तब्दील होगा।
ऐसे में विदेशी भी दशहरा को लेकर खासे उत्सुक रहते हैं और कई देशों के सैलानी और शोधकर्ता भी घाटी में पहुंच गए हैं। वे न केवल भगवान रघुनाथ की ऐतिहासिक यात्रा को कैमरे में कैद करेंगे बल्कि सात दिनों तक देव शिविरों में जाकर देवी-देवताओं के इतिहास और रहस्य को जानेंगे। इस बार दशहरा में रिकॉर्ड 14 देशों के कलाकार सांस्कृतिक प्रस्तुति देंगे। इसी बहाने वे देव संस्कृति पर भी शोध करेंगे। वे देव समाज के जानकारों और बुद्धिजीवियों की मदद लेकर कुल्लू की प्रसिद्ध देव संस्कृति की बारीकी को जानेंगे।
इन देशों के कलाकार दशहरा में लेंगे भाग
कुल्लू दशहरा में रूस, रोमानिया, कजाकिस्तान, क्रोएशिया, वियतनाम, ताइवान, थाईलैंड, पनामा, ईरान, मालदीव, मलेशिया, केन्या, घाना और इथोपिया की संस्कृति की झलक कुल्लू दशहरा में देखने को मिलेगी।
देव संस्कृति का यह संगम दुनिया भर में अनूठा है। लिहाजा देवताओं के रहस्य को जाने के लिए देश-विदेश के शोधकर्ता दशहरा में पहुंचते हैं। इस दौरान वह वीडियोग्राफी भी करते हैं। – दोत राम ठाकुर, अध्यक्ष, जिला देवी देवता कारदार संघ