Punjab News: टोडरमल की हवेली के संरक्षण की मांग

Punjab News: टोडरमल की हवेली के संरक्षण की मांग का HC ने किया निपटारा, राज्य सरकार और SGPC के बीच होगा समझौता
Punjab News टोडरमल की हवेली के संरक्षण की मांग का हाई कोर्ट ने निपटारा कर दिया है। पांच दिसम्बर 2023 की बैठक के विवरण के अनुसार इस संरक्षित स्मारक के संरक्षण और मरम्मत के प्रस्ताव को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के चंडीगढ़ कार्यालय से एसजीपीसी द्वारा अनुमोदित कराया जाएगा। नवीकरण का पूरा प्रस्ताव एसजीपीसी द्वारा एक सप्ताह के भीतर सरकार को प्रस्तुत किया जाएगा।
चंडीगढ़। माता गुजरी और दो साहिबजादों के अंतिम संस्कार के लिए जमीन को सोने की अशर्फियों से ढक कर खरीदने वाले टोडरमल की हवेली (सरहिंद में) के उचित संरक्षण की मांग का हाई कोर्ट ने निपटारा कर दिया।
जस्टिस रितु बाहरी और जस्टिस निधि गुप्ता की खंडपीठ को बताया गया कि राज्य सरकार, एसजीपीसी और याचिकाकर्ता के बीच इस मामले में दिसम्बर माह में एक बैठक हुई थी और संरक्षण के लिए कुछ उठाए गए जिन पर सभी पक्ष सहमत है।
कोर्ट ने किया याचिका का निपटारा
पंजाब राज्य द्वारा अपने हलफनामे के साथ रिकॉर्ड पर रखी बैठक के मिनटों को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने याचिका का निपटारा कर दिया। पांच दिसम्बर 2023 की बैठक के विवरण के अनुसार, इस संरक्षित स्मारक के संरक्षण और मरम्मत के प्रस्ताव को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के चंडीगढ़ कार्यालय से एसजीपीसी द्वारा अनुमोदित कराया जाएगा। राज्य सरकार और एसजीपीसी के बीच आपसी समझ को प्रभावी बनाने के लिए एक समझौता किया जाएगा। नवीकरण का पूरा प्रस्ताव एसजीपीसी द्वारा एक सप्ताह के भीतर सरकार को प्रस्तुत किया जाएगा।
हवेली में नहीं होगा कोई नया निर्माण
बैठक में इस बात पर भी सहमति बनी कि हवेली में कोई नया निर्माण नहीं होगा और जो हो चुका है उसे हटा दिया जाएगा। इस मामले में याचिका दाखिल करते हुए एडवोकेट एचसी अरोड़ा ने कोर्ट को बताया था कि बताया कि 17वीं शताब्दी में गुरु गोविंद सिंह की मां माता गुजरी और दो बेटे साहिबजादा जोरावर सिंह और फतेह सिंह के अंतिम संस्कार के लिए जमीन खरीदने के लिए टोडर मल ने दौलत लुटा दी थी।
शर्त रखी गई थी कि जितनी जगह खरीदनी है, उस पर सोने के सिक्के खड़े करके रखने होंगे।पंजाब के गवर्नर नवाब वजीर खान की कोर्ट में दीवान टोडरमल ने यह शर्त मंजूर की और सोने के सिक्कों से उस स्थान को भर दिया। इसके बाद उन्होंने तीनों के अंतिम संस्कार का इंतजाम किया।
हवेली की नहीं हो रही देखभाल
याची ने बताया कि माता गूजरी और दो साहिबजादों के अंतिम संस्कार के लिए जिस टोडर मल ने इतना सब किया, आज उनकी हवेली जर्जर हालत में है। न तो हवेली की मालिक एसजीपीसी और न ही पंजाब सरकार उसके रखरखाव के लिए कोई काम कर रही हैं। यह भी बताया गया कि एसजीपीसी ने इस हवेली में निर्माण का कार्य भी आरंभ कर दिया है।
याची ने हाईकोर्ट से अपील की थी कि इस ऐतिहासिक महत्व की इमारत को संरक्षित किया जाए और इसके जीर्णोद्धार के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने के निर्देश जारी किए जाएं। हाईकोर्ट ने इस याचिका पर पहले पंजाब सरकार और एसजीपीसी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा। इसके बाद कोर्ट ने यहां किसी भी प्रकार के निर्माण पर यथास्थिति बनाए रखने के आदेश जारी किए थे।