पुलिस कर्मियों के रियायती सफर के एवज में हर माह एचआरटीसी को मिलेंगे 9 करोड़
पुलिस कर्मियों के रियायती सफर के एवज में हर माह एचआरटीसी को मिलेंगे 9 करोड़
पुलिस कर्मियों के रियायती सफर के एवज में अब एचआरटीसी को हर महीने करीब 9 करोड़ रुपये मिलेंगे। बीते 15 सालों से पुलिस कर्मियों केे रियायती यात्रा सुविधा के एवज में एचआरटीसी को 110 रुपये के हिसाब से महज 1.98 करोड़ मिल रहे थे। एचआरटीसी प्रबंधन ने प्रदेश सरकार को इसे भी निगम के घाटे का बड़ा कारण बताया था।मंत्रिमंडल की बैठक में रियायती यात्रा सुविधा के एवज में 110 रुपये मासिक के स्थान पर 500 रुपये लेने का फैसला लिया है। पिछली मंत्रिमंडल की बैठक में पुलिस कर्मियों की एचआरटीसी बसों में रियायती यात्रा सुविधा बंद कर दी गई थी। निर्णय लिया गया था कि पुलिस जवानों को परिवहन निगम की बसों में यात्रा करते हुए टिकट लेकर यात्रा करनी होगी। ऑन ड्यूटी बस सफर करने पर पुलिस जवान अन्य विभागों के कर्मचारियों की तरह टीए-डीए क्लेम कर सकेंगे। बीते 15 सालों से पुलिस कर्मी मासिक महज 110 रुपये देकर निगम की बसों में रियायती सफर कर रहे थे। एचआरटीसी प्रबंधन का दावा था कि पुलिस विभाग से निगम को मासिक महज 1.98 करोड़ रुपये मिल रहे हैं और भारी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ रहा है। पुलिस की मुफ्त यात्रा बंद होने से हर महीने 35 करोड़ की अतिरिक्त आय होगी।रियायती यात्रा सुविधा वापस लेने के बाद पुलिस कर्मचारी संघ ने मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों से मिलकर यात्रा सुविधा बहाल रखने की मांग की थी। इस बीच परिवहन निगम ने सभी कर्मचारियों को बसों में रियायती सफर करने वाले सभी वर्गों के यात्रियों को जीरो टिकट जारी करने के निर्देश जारी कर दिए हैं, जिससे निगम की बसों में रियायती यात्रा का लाभ लेने वाले लोगों का सही आंकड़ा मिल सके और सरकार को इससे अवगत करवाया जा सके