हिमाचल: एम्स बिलासपुर में वीआरडीएल की शिलान्यास, खतरनाक वायरस जांच शुरू

हिमाचल: एम्स बिलासपुर में बनेगी वीआरडीएल, खतरनाक वायरस की होगी जांच, जेपी नड्डा ने किया शिलान्यास
हिंदी टीवी न्यूज़, बिलासपुर Published by: Megha Jain Updated Sat, 08 Mar 2025
बिलासपुर एम्स को रीजनल वीआरडीएल प्रयोगशाला दी गई है, जोकि देशभर में 165वीं है। इससे पहले वायरस टेस्ट को पुणे लैब भेजा जाता था।
वायरस अनुसंधान और निदान के लिए एम्स बिलासपुर में वीआरडीएल (वायरस रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक प्रयोगशाला) बनेगी। डेढ़ वर्ष में संस्थान में इस सुविधा को शुरू करने का लक्ष्य है। 1,279 वर्ग मीटर में प्रस्तावित इस प्रयोगशाला को बनाने में करीब 30 करोड़ खर्च होंगे। यह देश में क्षेत्रीय स्तर की अपनी तरह की 11वीं प्रयोगशाला होगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने शुक्रवार को इसका शिलान्यास किया। बिलासपुर एम्स को रीजनल वीआरडीएल प्रयोगशाला दी गई है, जोकि देशभर में 165वीं है। इससे पहले वायरस टेस्ट को पुणे लैब भेजा जाता था। लेकिन अब प्रदेश में ही यह सुविधा मिल जाएगी। इसका उद्देश्य समय पर वायरस की पहचान, अनुसंधान के साथ महामारी को नियंत्रित करने में सहायता करना है। यह प्रयोगशाला संक्रामक बीमारियों के फैलाव को रोकने में मदद करेगी।
लैब का मुख्य उद्देश्य विषाणु-आधारित बीमारियों पर शोध करना, उनसे संबंधित निदान एवं उपचार में मदद करना है। जब भी कोई नया वायरल संक्रमण सामने आता है, तो इसका निदान करना चुनौतीपूर्ण होता है, लेकिन वीआरडीएल में अत्याधुनिक तकनीक की मदद से जल्दी निदान कर सकेंगे। यह जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने में सहायक साबित होगी। वीआरडीएल में कई प्रकार के अत्याधुनिक वायरल परीक्षण होंगे, जो समय पर निदान में सहायक हैं। इनमें मुख्य रूप से आरटी-पीसीआर (रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पोलीमरेज़ चेन रिएक्शन) परीक्षण शामिल है, जो वायरस के जीनोमिक संरचना का पता लगाने के लिए महत्वपूर्ण है। इसके अलावा भी कई अहम परीक्षण यहां किए जाएंगे।