हिमाचल: विमल नेगी मौत केस में DGP ने एसआईटी और SP की भूमिका पर उठाए सवाल

Himachal: विमल नेगी मौत मामले में डीजीपी ने उठाए एसआईटी और एसपी की भूमिका पर सवाल, जानें पूरा मामला
हिंदी टीवी समाचार, शिमला Published by: Megha Jain Updated Thu, 22 May 2025
विमल नेगी की मौत मामले में डीजीपी की ओर से हाईकोर्ट में दायर हलफनामे में शिमला पुलिस की एसआईटी की कार्यशैली पर सवाल उठाए गए हैं।
हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन (एचपीपीसीएल) के मुख्य अभियंता विमल नेगी की मौत मामले में डीजीपी की ओर से हाईकोर्ट में दायर हलफनामे में शिमला पुलिस की एसआईटी की कार्यशैली पर सवाल उठाए गए हैं। डीजीपी अतुल वर्मा ने रिपोर्ट में कहा है कि इस मामले में अभी तक की जांच में कई सवाल हैं। दो वर्ष से ज्यादा समय से तैनात एसपी शिमला की भूमिका पर भी रिपोर्ट में प्रश्नचिह्न लगाए गए हैं। रिपोर्ट में कहा है कि एसआईटी मामले को आत्महत्या की ओर ले जा रही है। ऊना के पेखूबेला प्रोजेक्ट पर पेन ड्राइव से कम दस्तावेज मिले हुए हैं। एक पीपीटी है, केवल विशेषज्ञ और परियोजना से जुड़े लोग ही इसकी व्याख्या कर सकते हैं। हाईकोर्ट में बुधवार को इस मामले की सुनवाई के दौरान ये बातें सामने आई हैं।
न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की अदालत ने सभी पक्षों को सुनने के बाद टिप्पणी की कि डीजीपी और एसपी के आपसी टकराव की वजह से मामले में न्याय मिलने में देरी हो रही है। कोर्ट ने कहा कि न्याय ही होना नहीं चाहिए, बल्कि व्यावहारिकता में होते हुए दिखना भी चाहिए। कोर्ट ने डीजीपी, एसपी शिमला और एसीएस ओंकार शर्मा की जांच रिपोर्ट पर सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद मामले की जांच सीबीआई को देने पर फैसला सुरक्षित रखा है। एक दो दिन के भीतर निर्णय आ सकता है। महाधिवक्ता ने अदालत में अपील की कि मामले में सरकार को कुछ समय दिया जाए, जिससे सच्चाई सबके सामने आ सके और परिजनों को न्याय मिले। उन्होंने बताया कि सरकार पर भरोसा रखें, क्योंकि एसआईटी मामले में सही और गहनता से जांच कर रही है। अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह की ओर से जो रिपोर्ट सरकार को सौंपी गई है, उसे अंतिम न माना जाए, क्योंकि यह जांच केवल एचपीपीसीएल के बड़े अधिकारियों पर लगाए आरोपों पर आधारित पर है।