हिमाचल: आवेदन के समय ही करना होगा आरक्षण का दावा, हाईकोर्ट का आदेश

Himachal: हाईकोर्ट ने कहा- आवेदन के समय करना होगा आरक्षण का दावा, बाद में नहीं मिलेगा लाभ
हिंदी टीवी न्यूज एजेंसी, शिमला। Published by: Megha Jain Updated Fri, 19 Dec 2025
प्रदेश हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई उम्मीदवार आवेदन करते समय आरक्षण का लाभ नहीं चुनता है, तो चयन प्रक्रिया शुरू होने या असफल होने के बाद वह पिछड़ी श्रेणी के आधार पर नियुक्ति का दावा नहीं कर सकता।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई उम्मीदवार आवेदन करते समय आरक्षण का लाभ नहीं चुनता है, तो चयन प्रक्रिया शुरू होने या असफल होने के बाद वह पिछड़ी श्रेणी के आधार पर नियुक्ति का दावा नहीं कर सकता। न्यायाधीश रंजन शर्मा की अदालत ने पाया कि विज्ञापन में ओबीसी के लिए आरक्षण का प्रावधान होने के बावजूद, याचिकाकर्ता ने सामान्य श्रेणी के उम्मीदवार के रूप में आवेदन किया था। आवेदन के साथ कोई ओबीसी प्रमाणपत्र भी संलग्न नहीं किया गया था। एक बार जब याचिकाकर्ता ने स्वयं ओबीसी उम्मीदवार के रूप में आरक्षण का लाभ नहीं लेने का विकल्प चुना और सामान्य श्रेणी में भाग लेकर असफल हो गई, तो उसके पास वापस मुड़ने और ओबीसी पद पर नियुक्ति का दावा करने का न तो कोई अधिकार है और न ही कोई आधार।
बता दें कि याचिकाकर्ता बलजिंदर कौर ने अदालत में प्रतिवादी की नियुक्ति को चुनौती दी थी। याचिकाकर्ता का तर्क था कि वह अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणी से संबंध रखती है, इसलिए 2010 के विज्ञापन के अनुसार उसे ओबीसी आरक्षित पद पर नियुक्ति दी जानी चाहिए थी। कोर्ट ने पाया कि जिस उम्मीदवार को ओबीसी श्रेणी के तहत नियुक्त किया गया था, उसके पास आवश्यक योग्यता और वैध प्रमाणपत्र दोनों थे, इसलिए उनकी नियुक्ति पूरी तरह वैध है। उम्मीदवारों को अपनी श्रेणी का चुनाव और संबंधित दस्तावेज आवेदन जमा करते समय ही प्रस्तुत करने होंगे।















