Chandigarh Mayor Election 2024: पंजाब-हरियाणा HC ने मेयर विवाद याचिका पर की सुनवाई, चंडीगढ़ प्रशासन को तीन सप्ताह का दिया समय

Chandigarh Mayor Election 2024 चंडीगढ़ मेयर चुनाव का हंगामा अभी भी जारी है। मामला पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट पहुंच गया है। कोर्ट ने सुनवाई करते हुए तीन सप्ताह का समय दिया है। आप और कांग्रेस ने मेयर चुनाव रद करने की मांग उठाई है। याचिका में बताया गया कि वोटों की गिनती के दौरान पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह ने मतपत्रों से छेड़छाड़ की थी जिसके चलते उनके वोट अवैध करार दिए गए।चंडीगढ़। चंडीगढ़ नगर निगम में मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के मंगलवार को हुए चुनावों को लेकर दायर की गई याचिका पर आज पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशाशन को नोटिस जारी कर तीन हफ्ते में जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 26 फरवरी को होगी।
चंडीगढ़ प्रशासन के वकील अनिल मेहता ने कहा कि याचिका कर्ता को पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट से आज कोई राहत नहीं मिली है। चंडीगढ़ प्रशाशन को नोटिस जारी हुआ है जिसका जवाब प्रशासन देगा। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस बेवजह चुनावों में धांधली का आरोप लगा रहे हैं।
26 फरवरी को दोबारा सुनवाई होगी। याचिकाकर्ता के वकील ने अदालत में बताया कि कैसे चुनाव की प्रक्रिया से पीठासीन अधिकारी ने छेड़छाड़ की और इसकी वीडियो जिसमे वो वोट पर मार्क लगाते हुए नजर आ रहे हैं वो एक पेनड्राइव में अदालत में दी गई है।
आप-कांग्रेस ने पीठासीन अधिकारी पर लगाया था आरोप
आप-कांग्रेस गठबंधन के पास बहुमत होते हुए भी मतों की गिनती के दौरान पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह पर वोटों की गिनती के दौरान मतपत्रों से छेड़छाड़ कर बीजेपी के प्रत्याशी को जीतने का आरोप लगाते हुए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।
याचिका में मेयर चुनाव की प्रक्रिया को रद करने, चुनाव से जुड़ा पूरा रिकॉर्ड सील करने, मेयर के पदभार संभालने पर रोक लगाने, इस पूरी चुनावी प्रक्रिया में हुई धांधली की जांच करवाने और नए सिरे से हाईकोर्ट के रिटायर जज की निगरानी में चुनाव करवाने का निर्देश जारी करने की अपील की गई है।
चुनाव को रद करने की मांगचुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए मेयर पद के लिए कांग्रेस-आप के प्रत्याशी कुलदीप कुमार ने चुनाव को रद करने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। याचिका में बताया गया कि 30 जनवरी को चंडीगढ़ नगर निगम के मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव तय हुए थे। तय कार्यक्रम के तहत मंगलवार को चुनाव भी हुआ लेकिन मेयर के चुनाव में कांग्रेस-आप के 20 में से 8 वोट अवैध करार दे दिए गए, जिसके चलते भाजपा का उम्मीदवार मेयर पर पर चुन लिया गया।
अवैध करार दिए वोट
याचिका में बताया गया कि वोटों की गिनती के दौरान पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह ने मतपत्रों से छेड़छाड़ की थी जिसके चलते उनके वोट अवैध करार दिए गए। कुलदीप कुमार की तरफ से सीनियर एडवोकेट गुरमिंदर सिंह ने दोपहर सवा दो बजे हाईकोर्ट से आग्रह किया की उनकी इस याचिका पर तत्काल सुनवाई की जाए और इस चुनाव का रिकॉर्ड सील किया जाए क्योंकि यह सीधे तौर पर लोकतंत्र की हत्या है। हाईकोर्ट ने याचिका पर तुरंत सुनवाई करने से इनकार कर दिया और बुधवार सुबह इस याचिका पर सुनवाई किया जाना तय कर दिया है।
मामले में एसआईटी गठित करने की उठी मांग
याचिका में बताया गया कि हाईकोर्ट में चंडीगढ़ के डीजीपी ने पारदर्शी चुनाव करवाने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाई थी बावजूद इसके चुनाव निष्पक्ष नहीं हुए। बीजेपी के प्रत्याशी को जिताने के लिए आप-कांग्रेस गठबंधन के वोटों के साथ छेड़छाड़ हुई। ऐसे में हाईकोर्ट से अपील की गई कि इस धांधली भरी चुनावी प्रक्रिया को रद करते हुए नए सिरे से चुनाव करवाने का निर्देश दिया जाए।चुनाव हाईकोर्ट के रिटायर जज की निगरानी में करवाया जाए ताकि इसकी निष्पक्षता बरकरार रहे। चुनावी प्रक्रिया के दौरान जो धांधली हुई है इसकी जांच के लिए वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की एसआईटी गठित की जाए और चुनाव से जुड़ा पूरा रिकॉर्ड सील किया जाए।