Himachal Cabinet Meeting : सीपीएस मामले की चुनौती पर फैसला आज
मंत्रिमंडल की बैठक में कॉलेज टीचर अवार्ड पॉलिसी के साथ पहली कक्षा में एडमिशन पर भी निर्णय संभव
मंत्रिमंडल की बैठक शनिवार दोपहर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में राज्य सचिवालय में होगी। इस बैठक में हिमाचल हाई कोर्ट से मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्तियों पर आए फैसले पर चर्चा होनी है। मुख्यमंत्री इस फैसले के बाद की स्थिति और लीगल ओपिनियन के बारे में मंत्रिमंडल को बताएंगे। जर्मनी दौरे पर होने के कारण उद्योग मंत्री हर्षवर्धन सिंह चौहान इस कैबिनेट बैठक में नहीं होंगे। मंत्रिमंडल की इस बैठक में शिक्षा विभाग से जुड़े दो महत्त्वपूर्ण मामलों पर फैसला होगा। स्कूल टीचर्स की तरह कॉलेज के शिक्षकों के लिए भी राज्य सरकार अवार्ड पॉलिसी लाने जा रही है। यह पॉलिसी कैबिनेट के सामने रखी जाएगी। राज्य के स्कूलों में पहली कक्षा में एडमिशन की उम्र क्या हो? इसके बारे में भी नीतिगत फैसले पर विचार होगा। हिमाचल सरकार ने इसके लिए छह वर्ष की अवधि तय की थी, लेकिन हिमाचल हाई कोर्ट में इसके बाद एक फैसला सुनाया है।
उस फैसले के प्रावधानों को इस नीति में जोड़ा जा सकता है। हालांकि कैबिनेट की इस बैठक में शिक्षा विभाग पंजाबी, उर्दू और भाषा अध्यापकों की भर्ती का मामला नहीं ले जा रहा है। इसकी वजह यह है कि पंजाबी और उर्दू टीचर भर्ती के प्रस्ताव पर वित्त विभाग ने आपत्तियां लगाई हैं, जबकि एलटी रखने के प्रस्ताव को प्रारंभिक शिक्षा विभाग को वापस लौटाया गया है। कैबिनेट की बैठक में गृह विभाग से जुड़े एक मामले में भी निर्णय संभव है। राज्य सरकार एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स बनाने जा रही है, जो सभी पुलिस रेंज में खोली जाएंगी। पंचायती राज विभाग से कर्मचारियों की युक्तिकरण और स्वास्थ्य विभाग से मेडिकल कॉलेजों में कर्मचारियों की भर्ती को लेकर मामले लाया जा सकते हैं।
सीपीएस से संबंधित केस में अब सुप्रीम कोर्ट पर नजर
मुख्य संसदीय सचिवों को पदों से हटाए जाने के बाद राज्य सरकार के एडवोकेट जनरल रिकॉर्ड के साथ सुप्रीम कोर्ट चले गए हैं। हालांकि शुक्रवार को सरकारी अवकाश के कारण अब सोमवार को ही इस बारे में केस दायर करने पर नई अपडेट आएगी। इस केस में दूसरे पक्ष यानि भाजपा और याचिका कर्ता कल्पना देवी की ओर से भी कैविएट फाइल हो गए हैं। इसलिए अब अगली लड़ाई सुप्रीम कोर्ट में ही लड़ी जाएगी।