IAS बनने का सपना लिए दिल्ली आया था नीलेश, प्रशासन की लापरवाही से दो बहनों के इकलौते भाई की गई जान

IAS बनने का सपना लिए दिल्ली आया था नीलेश
पटेल नगर में करंट लगने से मरने वाला नीलेश तीन बार यूपीएससी परीक्षा का प्रयास किया था। तीसरे प्रयास में उसने प्रारंभिक परीक्षा पास भी कर ली थी। नीलेश को यकीन था कि इस बार वह मुख्य परीक्षा भी पास कर लेगा।
उसका सपना आईएएस बनकर मां-बाप का नाम रोशन करना था। उसकी मां चाहती थीं कि नीलेश उनके पास ही रहकर पढ़ाई करे, लेकिन कोचिंग की वजह से वह दिल्ली में रह रहा था। उसके पिता नरेंद्र कुमार राय गाजीपुर कोर्ट में अधिवक्ता हैं।मृतक नीलेश राय के परिजन राम मनोहर लोहिया अस्पताल में विलाप करते हुए। मां नीलम राय गाजीपुर के एक प्राथमिक विद्यालय में टीचर हैं। बड़ी बहन नेहा राय की शादी हो चुकी है, वह बैंक में नौकरी करती है। छोटी बहन निष्ठा भी यूपीएससी की तैयारी करने के लिए दिल्ली में मौजूद है।
आखिरी बार फोन पर मां से कहा- जल्द घर आऊंगा
नीलेश के एक करीबी ने बताया कि वह रोजाना अपने मां-बाप से फोन पर बात करता था। रविवार रात करीब 9.30 बजे आखिरी बार उसने अपने मां को कॉल कर बात की थी। फोन पर उसने कहा था कि वह जल्द घर आएगा।
सोमवार की दोपहर को परिवारवालों ने कॉल की तो फोन नहीं उठा। शाम के समय एक पुलिसकर्मी ने फोन उठाया और परिवार को हादसे की खबर दी। नीलेश को करंट लगने की बात सुनते ही परिवार के पैरों से जमीन खिसक गई। खबर सुनने के बाद किसी को यकीन नहीं हुआ कि नीलेश अब नहीं रहा।
पढ़ाई में था होनहार
मृतक के स्वजन ने बताया कि नीलेश बचपन से ही पढ़ाई में होनहार था। पढ़-लिखकर देश की सेवा करने का जुनून उसमें बचपन से ही था। नीलेश के पिता नरेंद्र कुमार ने बताया कि वर्ष 2017 में बेंगलुरु के एक नामी संस्थान से उसने बीटेक किया। कई नामी कंपनियों से उसे डेढ़ लाख रुपये सैलरी तक के ऑफर मिले थे, लेकिन उसने ठुकरा दिए।
नीलेश को बस यूपीएससी की परीक्षा पास करने का जुनून था। यहां रहकर वह कोचिंग करने के अलावा लाइब्रेरी में पढ़ाई करता था। उन्होंने बताया कि उन्हें अब तक यकीन नहीं हो रहा कि उनका इकलौता बेटा अब इस दुनिया में नहीं रहा। वहीं उसकी मां की हालत भी ठीक नहीं है। वह तड़पते हुए बस एक ही बात बोल रही हैं कि वह अपने जिगर के टुकड़े के बगैर अब कैसे जी पाएंगी।