उम्मीदों का बजट: अस्पताल की गाड़ी जाए घर, निशुल्क हो मरीजों का उपचार
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हिमाचल प्रदेश में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हों, इसके लिए स्वास्थ्य अधिकारियों में खूब माथापच्ची चल रही है। मुख्यमंत्री सुक्खू की स्वयं स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ तीन बैठकें हो चुकी हैं। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू 17 फरवरी को वार्षिक बजट पेश करने जा रहे हैं। इस बजट से जनता को कई उम्मीदें हैं। इसी साल लोकसभा चुनाव होने हैं। इसे भी ध्यान में रखते हुए बजट तैयार किया जा रहा है। हिमाचल प्रदेश में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हों, इसके लिए स्वास्थ्य अधिकारियों में खूब माथापच्ची चल रही है। मुख्यमंत्री सुक्खू की स्वयं स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ तीन बैठकें हो चुकी हैं। मरीजों को इलाज के लिए दूसरे राज्यों के अस्पतालों में न जाना पड़े, इसको लेकर भी स्वास्थ्य के आधारभूत ढांचा विकसित किए जाने पर जोर रहने की संभावना है।कांग्रेस ने हिमाचल की जनता को 10 गारंटियां दी हैं। आठवीं गारंटी में ‘अस्पताल की गाड़ी आएगी गांव, लोगों को मुफ्त दवा और इलाज मुफ्त होगा’ इसको भी बजट में शामिल करने की पहल की जा सकती है। हिमाचल प्रदेश में एंबुलेंस का दायरा बढ़ाए जाने पर भी राज्य सरकार को सुझाव मिले हैं। लोगों ने गंभीर बीमारी से ग्रस्त बुजुर्ग के इलाज के लिए डॉक्टरों को स्वास्थ्य किट के साथ घर भेजने की बात कही है। आईजीएमसी और टांडा मेडिकल कॉलेज के अलावा अन्य चारों मेडिकल कॉलेजों में रोबेटिक सर्जरी होगी।
नए नर्सिंग कॉलेज खोलने को मंजूरी देने के साथ-साथ आपात विभाग में विशेषज्ञ रोटेशन में सेवाएं देंगे। हमीरपुर मेडिकल कॉलेज में कैंसर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस खोला जाना है। इस विषय पर मुख्यमंत्री केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से मिल चुके हैं। आदर्श अस्पतालों में छह विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती होगी। इसके लिए सरकार पांच सौ डॉक्टरों, चार हजार नर्सों और तीन हजार फार्मासिस्टों की भर्ती की घोषणा कर सकती है। स्वास्थ्य केंद्रों में भी विशेषज्ञ डाॅक्टरों को मरीजों के उपचार के लिए लगाया जा सकता है। हर अस्पताल में एमआरआई और सिटी स्कैन की सुविधा मुहैया कराए जाने पर भी अधिकारियों और जनता की भी राय मांगी गई है।