केंद्रीय बजट: हिमाचल ने विशेष मदद और सड़कों की सीलिंग हटाने की मांगी

केंद्रीय बजट: हिमाचल ने विशेष मदद जारी रखने, सड़कों के लिए लगाई सीलिंग भी हटाने की रखी मांग
हिंदी टीवी न्यूज़, शिमला Published by: Megha Jain Updated Mon, 20 Jan 2025
विशेष केंद्रीय मदद जारी रखने, सड़कों के लिए लगाई गई सीलिंग हटाने, राजस्व घाटा अनुदान बढ़ाने समेत कई मांगें राज्य सरकार ने उठाई हैं।
केंद्रीय बजट से पहले हिमाचल प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार के समक्ष अपनी मांगें रख दी हैं। विशेष केंद्रीय मदद जारी रखने, सड़कों के लिए लगाई गई सीलिंग हटाने, राजस्व घाटा अनुदान बढ़ाने समेत कई मांगें राज्य सरकार ने उठाई हैं। तर्क दिया है कि पिछली सरकार के कार्यकाल में वर्ष 2020-21 में 11,140 करोड़ की ग्रांट थी, जो घटाकर अब अगले वित्त वर्ष 2025-26 में 3,256 करोड़ रह जाएगी। हिमाचल सरकार ने राजस्व घाटा पूरा करने के लिए केंद्रीय बजट में इसकी घोषणा करने का अनुरोध किया है।
केंद्र सरकार से प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में रोपवे को शामिल करने की भी मांग उठाई गई है। एक फरवरी को पेश किए जा रहे केंद्रीय बजट से हिमाचल प्रदेश को कई उम्मीदें हैं। केंद्र सरकार ने अगले बजट के लिए सभी राज्यों की तरह हिमाचल से भी लिखित सुझाव मांगे थे। वहीं, हिमाचल प्रदेश सरकार के प्रधान सचिव वित्त देवेश कुमार ने बताया कि केंद्रीय बजट के लिए अपने सुझाव भेज दिए हैं।
ये सुझाव भी दिए
हिमाचल ने केंद्र के समक्ष प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत किए कार्यों के लिए 10 प्रतिशत स्टेट शेयर और पांच वर्षों के लिए रखरखाव लागत उपलब्ध करवाने का सुझाव दिया है। कांगड़ा हवाई अड्डे का विस्तार, भानुपल्ली-बिलासपुर और चंडीगढ़-बद्दी जैसी रेल परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण में कम से कम 50 प्रतिशत केंद्रीय हिस्सेदारी देने को भी कहा है। राज्य सरकार ने यह भी तर्क रखा है कि पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश चीन के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से सटा है, इसलिए इन परियोजनाओं के लिए वित्तीय हिस्से का भुगतान करने में केंद्र की पूरी छूट होनी चाहिए। वन संरक्षण अधिनियम के नए प्रावधानों के तहत राज्य में नए सैटेलाइट टाउन स्थापित करने की भी मांग उठाई है। ग्रामीण क्षेत्रों में सीवरेज ट्रीटमेंट, प्राकृतिक खेती, दुग्ध प्रसंस्करण के लिए भी धन उपलब्ध करवाने और एग्रो पार्क स्थापित करने को कहा गया है।