ग्राउंड रिपोर्ट: प्रत्याशियों के सामने भितरघात से निपटना चुनौती
ग्राउंड रिपोर्ट: प्रत्याशियों के सामने भितरघात से निपटना चुनौती, चेहरे पुराने…बस चुनाव चिह्न बदले
अब चैतन्य ने भगवा ओढ़ा तो राकेश कालिया ने भाजपा को अलविदा कह दिया। प्रत्यािशयों को चिंता है कि क्या कार्यकर्ता उन्हें दिल से अपनाएंगे। उनके साथ चलेंगे।
गगरेट से वर्ष 2022 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के विधायक बने चैतन्य शर्मा अब भाजपा के टिकट पर गगरेट से उपचुनाव में उतरे हैं। गगरेट से एक बार व चिंतपूर्णी विधानसभा से दो बार विधायक रह चुके राकेश कालिया भी कांग्रेस के टिकट पर चुनावी रण में हैं। 2022 के चुनाव में चैतन्य शर्मा पूर्व विधायक राकेश कालिया का टिकट काटकर कांग्रेस के उम्मीदवार बने थे और भाजपा के राजेश ठाकुर को रिकाॅर्ड मतों से हराया था। टिकट कटने से एआईसीसी के सचिव रहे कालिया नाराज हो गए और कांग्रेस से हाथ छुड़ाकर भाजपा का कमल थाम लिया था।
अब चैतन्य ने भगवा ओढ़ा तो राकेश कालिया ने भाजपा को अलविदा कह दिया। प्रत्यािशयों को चिंता है कि क्या कार्यकर्ता उन्हें दिल से अपनाएंगे। उनके साथ चलेंगे। जिनका कार्यकर्ता विरोध करते रहे, अब वे उनका नारा कैसे लगाएंगे। इस स्थिति में प्रत्याशियों के अलावा भाजपा और कांग्रेस के सामने भी भितरघात से निपटने की चुनौती है। दलबदल की इस बिसात पर दोनों दलों के दिलजले कार्यकर्ताओं ने प्रत्याशी और पार्टी दोनों के दिलों की धड़कन तेज कर दी है। गगरेट में टिकट आवंटन से पहले कांग्रेस के धरतीपुत्रों को टिकट देने का नारा बुलंद हुआ था, लेकिन कांग्रेस आला कमान ने राकेश कालिया को सशक्त उम्मीदवार मानते हुए फिर उन पर विश्वास जताया है।
भाजपा के पूर्व विधायक राजेश ठाकुर संगठन सर्वोपरि की तर्ज पर काम कर रहे हैं। गगरेट में मतदाता चुप्पी साधे हुए हैं। कोई भी अपने पत्ते नहीं खोल रहा है। दोनों ही दलों में भितरघात की आशंका के बीच कार्यकर्ताओं और नाराज नेताओं को समझाने-बुझाने का दौर भी जारी है। अब देखना दिलचस्प होगा कि कौन सा दल भितरघात के डेंट को कंट्रोल करने में कामयाब होगा। यह भी तय है कि जिस दल में भितरघात ज्यादा होगा, उस दल काे नुकसान झेलना होगा।