धामी कैबिनेट ने राज्य सड़क सुरक्षा नीति 2025 को मंजूरी, अहम फैसले

Uttarakhand Cabinet: बजट सत्र से पहले धामी कैबिनेट, राज्य सड़क सुरक्षा नीति 2025 को मंजूरी, पढ़ें अहम फैसले
हिंदी टीवी न्यूज़, देहरादून Published by: Megha Jain Updated Wed, 12 Feb 2025
Uttarakhand Cabinet Today: धामी कैबिनेट में राज्य सड़क सुरक्षा नीति 2025 को मंजूरी देने सहित कई अहम फैसले लिए गए।
राज्य विधानसभा के बजट सत्र से पूर्व बुधवार को धामी कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें राज्य सड़क सुरक्षा नीति 2025 को कैबिनेट की मंजूरी मिली। वनाग्नि प्रबंधन नीति के तहत वन पंचायतों व मंगल दलों को प्रोत्साहन राशि दिए जाने के प्रस्ताव पर भी मुहर लगी। साथ ही आम सहमति से लैंड बैंक बनाने को मंजूरी दी गई। दो टाउनशिप के लिए लैंड बैंक बनेगा। पहाड़ में सुनियोजित टाउनशिप के लिए लैंड बैंक बनाने को मंजूरी दी गई।
राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में लगातार बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं के मद्देनजर धामी सरकार अहम प्रस्ताव लाई है। सचिव परिवहन ने इसका प्रस्ताव तैयार कर लिया है। इसके तहत पर्वतीय क्षेत्रों में एआरटीओ के 11 नए पद सृजित होने का प्रस्ताव शामिल है, जिससे पहाड़ों में वाहनों की जांच आसान हो सके। इनमें से 50 प्रतिशत पद पदोन्नति और 50 प्रतिशत पद सीधी भर्ती से भरे जाएंगे।
इसी प्रकार, सरकार पर्वतीय क्षेत्रों में अनुबंधित बस परमिट को पूर्ण रूप से खत्म कर सकती है। पर्वतीय मार्गों पर परिवहन निगम अपनी बसें संचालित करेगा, जिसके लिए बस खरीद की जा रही है। इस पर कैबिनेट फैसला लेगी। तीसरी सड़क सुरक्षा नीति व एक्ट भी कैबिनेट में लाए जाएंगे। इस पर मुहर लगने के बाद विधानसभा पटल पर रखा जाएगा।
आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट भी कैबिनेट बैठक में है रखी जा सकती
इसके बाद हर दुर्घटना की जांच गहनता से समिति करेगी। जांच में दुर्घटना का कारण स्पष्ट होने के बाद संबंधित विभाग के संबंधित अधिकारी की जिम्मेदारी तय की जाएगी। जैसे खराब सड़क व सुरक्षा उपाय न करने के लिए लोक निर्माण विभाग जिम्मेदार होगा जबकि ड्रिंक एंड ड्राइव जैसे मामलों के लिए स्थानीय पुलिस व यातायात पुलिस को जिम्मेदार माना जाएगा। इसी प्रकार, ओवरलोडिंग, अनफिट वाहन संचालन, डीएल व परमिट न होने के मामलों के लिए परिवहन विभाग जिम्मेदार होगा। इसी हिसाब से कार्रवाई की जाएगी।
बजट सत्र से पूर्व आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट भी कैबिनेट बैठक में रखी जा सकती है। इसके अलाव भू-कानून में संशोधन का प्रस्ताव और पेपरलैस व वर्चुअल रजिस्ट्री का प्रस्ताव भी कैबिनेट में आ सकता है।