हिमाचल में चिट्टे से जंग: दोस्तों के साथ मजे में लगी लत, परिवार के लिए मुसीबत

Himachal Pradesh: छह साल चली चिट्टे से जंग, दोस्तों के साथ मजे में लगी लत, परिवार के लिए बनी मुसीबत
हिंदी टीवी न्यूज़, भराड़ी (बिलासपुर)। Published by: Megha Jain Updated Thu, 27 Feb 2025
ये कहानी घुमारवीं उपमंडल के एक ऐसे युवक की जिसने शुरुआत में चिट्टा सिर्फ दोस्तों के साथ मजे के लिए पीना शुरू किया था। धीरे-धीरे यह शरीर की जरूरत बन गया और वो मौत के रास्ते पर कब पहुंच गया पता ही नहीं चला.
दोस्तों के साथ मजे-मजे में चिट्टे की आदत ऐसी लगी कि देखते ही देखते जिंदगी के छह साल तबाह हो गए। जब तक लत छुड़ाने की कोशिश की, तब तक हालात बेकाबू हो चुके थे। लाखों रुपये खर्च करने और बड़े अस्पतालों में इलाज कराने के बावजूद नशे की लत नहीं छूट रही थी। अब जब चिट्टे को पूरी तरह छोड़ दिया है, तो ऐसा लगता है जैसे जिंदगी की नई सुबह हुई हो।
यह वाकया घुमारवीं उपमंडल के एक ऐसे युवक से जुड़ा है जो परिवार से साधन संपन्न है। माता-पिता ने कभी किसी बात के लिए मना नहीं किया। युवक ने बताया कि शुरुआत में उसने चिट्टा सिर्फ दोस्तों के साथ मजे के लिए पीना शुरू किया था। धीरे-धीरे यह शरीर की जरूरत बन गया। इसे खरीदने के लिए वह घरवालों से झूठ बोलकर पैसे लेने लगा। जब तक परिवार को लत के बारे में पता चलाए तब तक वह बुरी तरह इसकी गिरफ्त में आ चुका था।
इसके बाद घरवालों ने लाखों रुपये खर्च कर उसका इलाज करवाया लेकिन नशे की आदत इतनी गहरी हो गई थी कि इससे बाहर निकलना मुश्किल हो रहा था। युवक का कहना है कि घरवालों से झूठ बोलकर पैसा लेता था और चंडीगढ़ से अपने लिए चिट्टा लाया करता था। चिट्टे की लत ने युवक को इस कदर जकड़ लिया था कि वह खुद से ज्यादा नशे की फिक्र करने लगा। परिजनों ने जब देखा कि बेटा बर्बादी की राह पर चल पड़ा है तो उन्होंने हरसंभव कोशिश की, लेकिन लाखों रुपये खर्च करने के बावजूद कोई हल नहीं निकल रहा था। समाज में परिवार की बदनामी होने लगी। कई बार युवक देर रात घर आता तो कभी नहीं आता। जब नशे का असर उतरता, तो घरवालों का दर्द साफ दिखाई देता था। परिजन हर वक्त चिंता में डूबे रहते थे कि न जाने अब क्या होगा। युवक भी यह सब देखता था और चाहता था कि इस लत से बाहर निकले, लेकिन चाहकर भी खुद को रोक नहीं पा रहा था।
युवक ने बताया कि एक दिन ठान लिया कि अब उसे इस दलदल से बाहर निकलना ही होगा। उसने खुद को संभालने का फैसला किया और नशे से हमेशा के लिए दूर रहने की ठान ली। शुरुआत में उसे दिक्कतें आईं, शरीर में दर्द होने लगा, मन बेचैन रहने लगा। लेकिन परिवार ने पूरा साथ दिया। धीरे-धीरे उसने नशे से दूरी बना ली और आखिरकार इस लत से छुटकारा पा लिया। अब युवक पूरी तरह नशे से मुक्त है। घर में खुशहाली लौट आई है। वह अपनी जिंदगी को संवारने में जुट गया है। युवक ने कहा अगर मैं नशे से बाहर आ सकता हूं तो कोई भी आ सकता है। जरूरत है तो सिर्फ मजबूत इरादे की। नशा कुछ पलों की खुशी देता है, लेकिन पूरी जिंदगी बर्बाद कर देता है।