विमल नेगी मौत मामला: दो माह बाद भी पुलिस खाली हाथ, तीन दिन रहस्य बना

विमल नेगी माैत मामला: दो माह बाद भी पुलिस खाली हाथ, तीन दिन कहां रहे विमल नेगी, रहस्य बरकरार
हिंदी टीवी न्यूज़, शिमला Published by: Megha Jain Updated Sat, 24 May 2025
विमल नेगी के शव के पास पेन ड्राइव मिलने के बावजूद उसे छिपाया गया तो वहीं एसआईटी ने इसकी जानकारी मिलने के बाद आरोपी एएसआई के खिलाफ कार्रवाई करने में लीपापोती करती रही।
हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की मौत के मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) और बिलासपुर पुलिस की जांच को लेकर परिजन शुरू से ही सवाल उठा रहे थे। दो महीने की जांच के बाद भी पुलिस के हाथ अभी तक खाली हैं। मृतक विमल नेगी से पेन ड्राइव मिलने के बावजूद उसे छिपाया गया। एसआईटी इसकी जानकारी होने पर भी आरोपी एएसआई के खिलाफ कार्रवाई करने में लीपापोती करती रही। न्यू शिमला पुलिस थाने में 19 मार्च को कॉरपोरेशन के निदेशक देसराज, एमडी हरिकेश मीणा और निदेशक शिवम प्रताप सिंह के खिलाफ नेगी को आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया।
इसके बावजूद पुलिस उन्हें कई दिनों तक तलाश नहीं कर पाई। परिजनों के मुताबिक उन्होंने देसराज की लोकेशन के बारे में कई महत्वपूर्ण जानकारियां पुलिस के साथ साझा कीं। फिर भी उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया। विमल नेगी के भाई सुरेंद्र नेगी ने बताया कि उन्होंने पुलिस को देसराज के टुटू में होने की सूचना दी थी। इसके बावजूद शिमला पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसी बीच देसराज को सुप्रीम कोर्ट से 4 अप्रैल को अग्रिम जमानत मिल गई। परिजनों का संदेह तब और गहराया, जब उन्हें पता चला कि देसराज की जमानत याचिका का पुलिस की तरफ से विरोध ही नहीं किया गया। उन्होंने इस पर सवाल भी उठाए।