Ae Watan Mere Watan Review: जब एक रेडियो ने हिला दी थीं ब्रिटिश हुकूमत की चूलें
Ae Watan Mere Watan Review: जब एक रेडियो ने हिला दी थीं ब्रिटिश हुकूमत की चूलें, गुमनाम नायकों की कहानी
Murder Mubarak के बाद सारा अली खान की फिल्म ए वतन मेरे वतन प्राइम वीडियो पर रिलीज हो गई है। यह पीरियड फिल्म है जिसमें सारा गांधीवादी क्रांतिकारी उषा मेहता के रोल में हैं जिन्होंने अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान गुप्त रूप से रेडियो स्टेशन शुरू किया था जो देशभर में क्रांतिकारियों को जोड़ने का काम करता था। पढ़ें Ae Watan Mere Watan का Review.
नई दिल्ली। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अनगिनत नौजवानों ने हिस्सा लिया था और देश की आजादी के लिए कुर्बानियां दी थीं। इनमें महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi), सरदार पटेल, जवाहर लाल नेहरू, चंद्रशेखर आजाद, सुभाष चंद्र बोस, सरदार भगत सिंह जैसे नायकों को सारा देश जानता है, मगर बहुत से ऐसे भी हैं, जिनका योगदान बड़े नेताओं के साये में कहीं दबकर रह गया।
ऐसे ही गुमनाम नायकों को समर्पित है प्राइम वीडियो की फिल्म ए वतन मेरे वतन (Ae Watan Mere Watan Review)। 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन (Quit India Movement) में अहम भूमिका निभाने वाली गांधीवादी क्रांतिकारी उषा मेहता (Usha Mehta) की इस बायोपिक में उस दौर की नौजवान पीढ़ी के जज्बे और जुनून की कहानी दिखाई गई है, जो खास तौर पर महात्मा गांधी की विचारधारा से प्रेरित थी।
ए वतन मेरे वतन सीक्रेट कांग्रेस रेडियो के बनने और इसके जरिए देशवासियों से संवाद करने की कोशिशों और ब्रिटिश सरकार के इस रेडियो तक पहुंचकर इसे बंद करवाने की कहानी दिखाती है।
आजादी की लड़ाई को केंद्र में रखकर हिंदी सिनेमा में काफी फिल्में बनी हैं, जो रोंगटे खड़े कर देती हैं। कन्नन अय्यर निर्देशित ए वतन मेरे वतन उस लिस्ट को सिर्फ लम्बा करती है, कोई खास असर नहीं छोड़ती। फिल्म में ऐसे पल कम ही आते हैं, जब रोमांच शीर्ष पर पहुंचे।
क्या है उषा मेहता पर बनी फिल्म की कहानी?
बम्बई (मुंबई) में रहने वाले जज हरिप्रसाद मेहता की बेटी उषा मेहता (सारा अली खान) बचपन से ही गांधीवाद से प्रेरित है और देश को अंग्रेजों की गुलामी से आजादी के लिए जुनून से भरी हुई है। आंखों के सामने अंग्रेजों के जुल्म उसके इरादे को मजबूती देते हैं। हालांकि, ब्रिटिश सरकार की चाकरी करते हुए सुविधाओं का लुत्फ उठा रहे जज पिता हरिप्रसाद मेहता (सचिन खेड़ेकर) को बेटी का क्रांतिकारी स्वभाव अखरता है।