कड़ा रुख: IAS अधिकारी को हाईकोर्ट की चेतावनी, 50,000 रुपये जुर्माना
कड़ा रुख: IAS अधिकारी को हाईकोर्ट की चेतावनी, कहा- आदेश का पालन नहीं हुआ तो जेब से देने होंगे 50,000 रुपये
हिंदी टीवी न्यूज़, चंडीगढ़ Published by: Megha Jain Updated Thu, 09 Jan 2025
पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। हाईकोर्ट ने कहा कि अगर आदेश का पालन नहीं हुआ तो आईएएस अधिकारी अपनी जेब से 50 हजार रुपये का हर्जाना भरेगा।
हरियाणा सरकार के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अमित अग्रवाल द्वारा आदेश का पालन नहीं करने पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने उन्हें चेतावनी दी है। कोर्ट ने कहा कि यदि आदेश का पालन करते हुए 04 फरवरी 2025 तक अनुपालन रिपोर्ट दाखिल नहीं की गई, तो उन्हें अगली सुनवाई में उपस्थित होना होगा और अपनी जेब से 50,000 रुपये का हर्जाना भुगतान करना होगा।
लोक संपर्क विभाग की सोनिया व अन्य ने अवमानना याचिका दाखिल की थी। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के वकील ने अदालत को बताया कि इस मामले में दस महीने बीत जाने के बाद भी आदेश का पालन नहीं हुआ है। याचिका में यह दावा किया गया था कि 02 अगस्त 2022 के आदेश के तहत, कर्मचारियों को विशेष वेतनमान दिया गया था। यह लाभ उन कर्मचारियों को भी दिया गया है, जो याचिकाकर्ताओं से कनिष्ठ हैं।
नए पे-स्केल में वेतनमान किया कम
याचिका में बताया गया कि जिला सूचना एवं जनसम्पर्क अधिकारी क्लास-2 राजपत्रित अधिकारी होते हैं। इन अधिकारियों की पहले से यह मांग रही है कि प्रत्येक नए पे-स्केल में उनका वेतनमान कम किया गया है, उसे ठीक किया जाए। परन्तु विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने मांग को अनदेखा कर दिया। किया जाता रहा। हैरानी की बात यह है कि विभाग में ही सीनियर इवेलुएटर के पद पर कार्यरत कुछ जूनियर कर्मचारियों के लिए प्रोजेक्ट अफसर के 4 पद सृजित करके उन्हें डीपीआरओ से भी वरिष्ठ बनाने का खेल कर दिया गया।
अधिकारियों को उचित आदेश पारित करने का आदेश
याचिकाकर्ताओं ने यह मांग की थी कि समान अधिकार के सिद्धांत के आधार पर उन्हें भी वही वेतनमान दिया जाए। 12 फरवरी 2024 सरकारी वकील ने कोर्ट आश्वस्त किया था कि यदि याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व संबंधित अधिकारियों के पास लंबित है, तो इसे आठ सप्ताह के भीतर उचित निर्णय के साथ निपटा दिया जाएगा। इसके बाद कोर्ट ने याचिका का निपटारा करते हुए संबंधित अधिकारियों को इस मामले में उचित आदेश पारित करने का आदेश देते हुए याचिका का निपटारा कर दिया। याचिकाकर्ताओं ने अब इस मामले में विभाग के आयुक्त व अन्य के खिलाफ अवमानना याचिका दायर कर इस मामले में कार्रवाई की मांग की।