शिमला में भीड़भाड़ कम करने की दिशा में काम करेगी सुक्खू सरकार, सरकारी कार्यालयों को राजधानी से बाहर करने पर होगा विचार
शिमला में भीड़भाड़ कम करने की दिशा में काम करेगी सुक्खू सरकार
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि शिमला राजधानी होने के कारण सभी विभागों के निदेशालय यहां पर है। इसके चलते कर्मचारियों की संख्या भी ज्यादा है। शोघी से लेकर मशोबरा तक शिमला की होरिजेंटल ग्रोथ होने के कारण नए भवन बनाने की अब गुंजाइश नहीं बची है।उन्होंने कहा कि शिमला में ट्रैफिक का भार भी काफी ज्यादा बढ़ गया है। इस पर अब गहन विचार करने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला मुख्यालयों में कई कार्यालय खाली पड़े हुए है। आने वाले समय में सरकार इस पर विचार करेगी कि कुछ कार्यालय को शिमला से बाहर शिफ्ट किया जाए।विधायक संजय रत्न द्वारा पूछे सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि शिमला में कर्मचारियों के लिए नई कॉलोनियां बनाने के लिए भी जगह नहीं बची है। यदि जमीन मिलती भी है तो 10 किलोमीटर दूर मिलेगी।
शिमला 47 आवास खाली: संजय रत्न
विधायक संजय रत्न ने कहा कि शिमला में 47 आवास खाली पड़े हुए हैं और कर्मचारियों को आवास नहीं मिलता। उन्होंने सरकार से पूछा कि जिन अधिकारी व कर्मचारियों के अपने आवास हैं और वह सरकारी आवास में रहते हैं क्या सरकार उन पर कार्रवाई करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ऐसे मामलों को देखेगी। आवास आबंटन के लिए नियम तय है। जो आवास खाली है वह कर्मचारी व अधिकारी के बीमार या कोई दबाव आता है तब दिए जाते हैं। कई मकान इनमें रहने लायक नहीं है।संजय रत्न ने कहा कि कैबिनेट मंत्री, मुख्य सचिव, डीजीपी या अन्य अधिकारियों के लिए जो मकान ईयर मार्क (निर्धारित) है वह उन्हें ही मिलने चाहिए। किसी और को उनका आबंटन नहीं होना चाहिए। सरकार मुख्य न्यायाधीश से भी बात करेगी कि जो खाली मकान है वह सरकार को दिए जाएं ताकि इन्हें कर्मचारी व अधिकारी को दिया जा सकें।
मुझे डीजीपी ने कहा मेरे पास अभी मकान नहीं: संजय रत्न
संजय रत्न ने कहा कि 15 अगस्त के दिन उन्हें धमकी आई थी। इसके लिए वह डीजीपी को फोन कर रहे थे। डीजीपी का बाद में फोन आया तो उन्होंने कहा कि उनके पास मकान नहीं है और खाना खाने बाहर गए थे। इसलिए फोन नहीं उठा पाए।उन्होंने कहा कि जिन अधिकारी के लिए जो मकान निर्धारित है वह उसे ही मिलना चाहिए अन्य अधिकारी को नहीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सामान्य प्रशासन विभाग के पास शिमला शहर में विभिन्न श्रेणियों के कुल 47 सरकारी आवास खाली पड़े हैं। इनमें कहा कि इसमें टाइप-6 के 3, टाइप-5 के 9, टाइप-4 के 8, टाइप-3 के 18, टाइप-2 के 7, टाइप -1 के ये मकान है।पिछले 1 साल में सरकार ने टाइप वन के 40, टाइप-2 के 34, टाइप-3 के 84, टाइप-4 के 55, टाइप-5 के 26 व टाइप 6 के 7 मकान अलॉट किए हैं।
पीड़ित दलित समाज में भय व्याप्त: राहुल
कांग्रेस नेता ने आगे लिखा कि दो सप्ताह बीत जाने के बावजूद गिरफ्तारी न होने से पीड़ित दलित समाज में भय व्याप्त है। असुरक्षा के माहौल में जीने को मजबूर हैं। साथ ही, एक अत्यंत गरीब, शोषित, दलित परिवार को न्याय से वंचित रखा जा रहा है। उन्होंने अनुरोध किया कि मुख्य आरोपी विशाल सिंह की जल्द से जल्द गिरफ्तारी की जाए ताकि पीड़ित परिजनों को न्याय मिल सके।
अर्जुन पासी हत्याकांड
बता दें कि 11 अगस्त को अर्जुन पासी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। युवक की हत्या के बाद परिवारजन, कई संगठनों समेत ग्रामीणों ने गांव में सड़क जाम कर प्रदर्शन किया। इसके बाद आक्रोशित लोगों ने आरोपितों की गिरफ्तारी को लेकर कलेक्ट्रेट में भी प्रदर्शन किया। मामले में मृतक की मां की तहरीर पर पुलिस ने सात नामजद समेत 12 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया है, जिनमें से छह आरोपितों को पुलिस ने जेल भेज दिया है, जबकि एक आरोपित विशाल सिंह अभी भी पुलिस की पहुंच से दूर है।