Himachal: बिजली सस्ती करने की तैयारी, नया टैरिफ इस तारीख को जारी

Himachal News: हिमाचल प्रदेश में बिजली सस्ती करने की तैयारी, इस डेट तह आएगा नया टैरिफ
हिंदी टीवी न्यूज़, शिमला Published by: Megha Jain Updated Tue, 04 Mar 2025
हिमाचल प्रदेश में बिजली का नया टैरिफ 20 मार्च तक आ जाएगा। इस बार लगभग दस दिन पहले ही विद्युत नियामक आयोग टैरिफ जारी कर देगा, ताकि समय पर नए टैरिफ को लागू किया जाए। प्रदेश सरकार ने बिजली सस्ती करने के लिए अपनी ओर से पूरे प्रयास कर लिए हैं और विद्युत बोर्ड को सरकार से जो निर्देश मिले उसके मुताबिक उन्होंने अपना पक्ष वहां रखा है। नियामक आयोग के साथ बिजली बोर्ड की जो वार्ता होनी थी उसका दौरा पूरा हो गया है और लेटेस्ट जानकारी बोर्ड से मांगी गई है। माना जा रहा है कि इस बार घरेलू उपभोक्ताओं पर ज्यादा बोझ नहीं पड़ेगा।
सूत्रों के अनुसार प्रदेश के उद्योगपतियों ने विद्युत नियामक आयोग को अलग से अपना मेमोरेंडम दिया है और आयोग को कुछ तथ्य बताकर कहा है कि उनकी बिजली दरें इस बार पहले से कम की जानी चाहिए। इस दिशा में बिजली बोर्ड ने भी उद्योगों पर ज्यादा बोझ न पड़े इसका प्रावधान किया है मगर फिर भी कई मामलों में उद्योगपतियों को लगता है कि उनपर बोझ पड़ रहा है। इन्होंने सरकार से भी अपना मसला उठाया था और सरकार से भी पूरा आश्वासन मिला है, लेकिन फैसला नियामक आयोग ने करना है और नियामक आयोग का मानना है कि हरेक वर्गों के बीच संतुलन बनाना ही उसका काम है। ऐसा नहीं है कि पूरा बोझ कॉमर्शियल एक्टिवीटी पर ही डाल दिया जाए।
हिमाचल प्रदेश में नहीं बढ़ेंगे बिजली के दाम
बोर्ड ने अपने वार्षिक रेवेन्यू रिक्वायरमेंट की याचिका में 271 करोड़ 69 लाख रुपए की कमी का संशोधित मसौदा विद्युत नियामक आयोग को सौंप रखा है। इस कमी के बाद तय है कि हिमाचल प्रदेश में बिजली के दाम नहीं बढ़ेंगे और अगले साल या तो वर्तमान दरें ही रहेंगी या फिर इसमें और कमी हो सकती है। सबसिडी बंद होने से लोगों को थोड़ा नुकसान जरूर होगा।
271 करोड़ रुपए की कमी
रिवाइज्ड पेटिशन के अनुसार अगले वित्त वर्ष के लिए बोर्ड ने आयोग से 9242.28 करोड़ रुपए की बजाय एनुअल रेवेन्यू रिक्वायरमेंट 8970.59 करोड़ की रखी है। इसमें 271 करोड़ रुपए की कमी कर दी गई है। ऐसा कई कारणों से हुआ है, जिसमें सरकार द्वारा कोरपस फंड देने की बात कही है जो कि सरकार बोर्ड को देगी। ये 100 करोड़ का फंड होगा और इसके अतिरिक्त भी सरकार ने कुछ लाइबिलिटी को अपने ऊपर लेने की बात कही है। सरकार बोर्ड में सरप्लस कर्मियों के पद सरप्लस पूल में डालकर बोझ कम करने में जुटी है।